पिछले 10 साल में जम्मू-कश्मीर किस तरह से बदला है, कैसे यहां के लोगों का भरोसा भारत के लोकतंत्र में बढ़ा है, आज की तस्वीरें उसकी गवाह है। ये कश्मीर के उस इलाके की तस्वीरे हैं जहां इससे पहले इतनी बड़ी संख्या में लोग कभी वोट डालने बाहर नहीं निकले। ये तस्वीरें बडगाम जिले के सोइबुघ की है। ये आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना आतंकी सैयद सलाहुद्दीन का इलाका है। 10 साल पहले जब यहां चुनाव होते थे तो लोग उसका बॉयकॉट करते थे लेकिन आज लोग यहां खुलकर वोट डालने पहुंचे थे।
कश्मीर के लोगों ने पाकिस्तान को दिखाया लोकतंत्र का आईना
जिस जम्मू कश्मीर में चुनाव का नाम सुनते ही लोग डर जाते थे, घरों से नहीं निकलते थे। उसी नए जम्मू कश्मीर में सुबह से ही वोटरों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई थी। राजौरी हो या पूंछ, रियासी हो या बडगाम हर जगह वोटरों को लंबी तादाद देखने को मिल रही थी। सुबह से ही बड़ी संख्या में वोटर्स पोलिंग बूथों पर पहुंच रहे थे और वोट डाल रहे थे।
देश के बाकी सूबों की तरह आज जम्मू कश्मीर में भी लोकतंत्र का पर्व मनाया गया। उसी जज़्बे और उसी जोश के साथ लोग वोट डाले गए। दूसरे चरण का वोटिंग पैटर्न बता रहा है कि अब कश्मीर पीछे मुड़कर देखने वाला नहीं है।
26 सीटों पर हुई बंपर वोटिंग
जम्मू कश्मीर में आज भी 26 सीटों पर बंपर वोटिंग हुई। अब तक वोटिंग के जो आंकड़े आए हैं उसमें 6 जिलों की 26 सीटों पर 55 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई। सबसे ज्यादा रियासी और पुंछ में 72 फीसदी वोटिंग हुई तो सबसे कब श्रीनगर में 27 फीसदी ही वोटिंग हुई। राजौरी में 68 फीसदी, गांदरबल और बडगाम में 59 फीसदी वोटिंग हुई है। जम्मू कश्मीर के लोग अब विकास की बात कर रहे हैं। नौजवान रोज़गार की मांग कर रहे हैं। बडगाम से नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अबदुल्ला चुनाव लड़ रहे हैं, वहां पोलिंग बूथ पर लंबी लंबी कतारें लगी हुई थी।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में जहां 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार विधानसभा के लिए वोटिंग हो रही है। इससे पहले विधानसभा चुनाव के फर्स्ट फेज में 7 जिलों की 24 विधानसभा सीटों पर भी बंपर वोटिंग हुई थी।