Wednesday, April 30, 2025
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नए वक्फ कानून पर J&K की असेंबली में दूसरी दिन भी बवाल, मार्शल ने PDP विधायक को बाहर निकाला

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नए वक्फ कानून को लेकर दूसरे दिन भी जमकर हंगामा हुआ। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन भी सत्ता पक्ष की ओर से सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से नहीं चलने दिया गया।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Apr 08, 2025 14:03 IST, Updated : Apr 08, 2025 14:03 IST
Speaker Abdul Rahim Rather
Image Source : PTI जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पीडीपी विधायक वहीद उर रहमान पारा द्वारा मंगलवार को वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा के लिए एक नए प्रस्ताव पर जोर देने के बाद उन्हें सदन से बाहर निकाल दिया गया। यह लगातार दूसरा दिन था जब वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही बाधित हुई। विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही सदन को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया और फिर इसे दोपहर एक बजे तक के लिए बढ़ा दिया।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा की कार्यवाही सोमवार को 12 दिन के अवकाश के बाद जैसे ही शुरू हुई, नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा के लिए प्रश्नकाल स्थगित करने का प्रस्ताव लाया गया जिसे विधानसभा अध्यक्ष द्वारा यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि मामला अदालत में विचाराधीन है।

सज्जाद लोन और सलमान सागर के बीच तीखी बहस

मंगलवार की सुबह जब सदन की कार्यवाही पुनः शुरू हुई तो पारा वक्फ अधिनियम के खिलाफ अपने प्रस्ताव की प्रति लेकर आसन के समीप आ गए और अध्यक्ष से बहस करने लगे तथा केंद्र सरकार को संदेश देने के लिए इसे पारित करने की मांग करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष जब पारा को अपनी सीट पर लौटने के लिए कह रहे थे, तभी नेकां विधायक अब्दुल मजीद लारमी ने उन्हें पीछे धकेलने की कोशिश की। इसी दौरान अध्यक्ष ने मार्शल को आदेश दिया कि वहीद पारा को सदन से बाहर ले जाएं। हालांकि पारा को बाहर निकाले जाने के बाद भी हंगामा जारी रहा। कई नेशनल कॉन्फ्रेंस और निर्दलीय विधायक आसान के समीप पहुंचकर वक्फ संशोधन कानून पर चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे। इस दौरान सज्जाद लोन और नेकां के सलमान सागर के बीच तीखी बहस भी हुई।

'नेशनल कांफ्रेंस केवल दिखावा कर रही है'

सदन के बाहर पारा ने कहा, “मैंने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ नया प्रस्ताव पेश किया, लेकिन अध्यक्ष ने न तो उसे स्वीकार किया और न ही खारिज किया।” उन्होंने नेकां पर भाजपा के इशारे पर "नाटक" करने का आरोप लगाते हुए कहा, “जम्मू-कश्मीर देश का इकलौता मुस्लिम बहुल राज्य है और यहां नेकां के पास 50 से ज्यादा विधायक हैं। जब कर्नाटक और तमिलनाडु में इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित हो सकता है, तो यहां क्यों नहीं? नेकां केवल दिखावा कर रही है।”

CM उमर अब्दुल्ला की गैरहाजिरी पर उठाए सवाल

उन्होंने यह भी पूछा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला लगातार दूसरे दिन सदन से गैरहाजिर क्यों हैं। पारा ने कहा, “उन्हें यहां होना चाहिए था क्योंकि यह मसला मुस्लिम संपत्तियों जैसे मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तानों से जुड़ा है। वह ट्यूलिप गार्डन में केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू का स्वागत कर रहे हैं। सच्चाई यह है कि नेकां भाजपा की मदद कर रही है। यह कानून देश की 24 करोड़ मुस्लिम आबादी में नाराजगी का कारण बना है, लेकिन नेकां अपने आचरण से इस कानून पर स्थिति को सामान्य बनाने में लगी है।” वहीं, अध्यक्ष ने अपने फैसले को दोहराते हुए कहा, “आप संसद द्वारा पारित कानून को विधानसभा में पलट नहीं सकते।” (भाषा इनपुट्स के साथ)

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