जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 का ऐलान होने के साथ ही सोनावर सीट चर्चा में आ गई है। परिसीमन के बाद इस सीट का नाम बदलकर लाल चौक कर दिया गया है। यह वही सीट है, जहां से 2014 में उमर अब्दुल्ला को हार का सामना करना पड़ा था। यहां पीडीपी उम्मीदवार की जीत हुई थी, लेकिन इस बार इंडिया गठबंधन की स्थिति मजबूत है। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन ने यहां इंडिया गठबंधन की स्थिति मजबूत की है। चर्चा है कि पीडीपी भी इंडिया गठबंधन में शामिल हो सकती है। ऐसा होने पर इस सीट में इंडिया गठबंधन की जीत लगभग तय हो जाएगी।
नए परिसीमन और धारा 370 हटने से जम्मू कश्मीर के हालात बदले हैं, लेकिन आंकड़े इंडिया गठबंधन के पक्ष में दिख रहे हैं। जम्मू कश्मीर में 2014 के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और इस दौरान घाटी के हालात काफी हद तक बदले हैं। जम्मू कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है और यहां से धारा 370 हट गई है। नया परिसीमन हुआ है और अरक्षित सीटें बदल गई हैं। कई पुरानी सीटों का अस्तित्व खत्म हो चुका है और नई सीटें बन गई हैं। सोनावर सीट भी इनमें से एक है, जिसे अब लाल चौक नाम से जाना जाएगा। ऐसे में सभी पार्टियों के सामने मुश्किल चुनौती है।
जम्मू कश्मीर में तीन चरण में मतदान
जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर मतदान की तारीख का ऐलान हो चुका है। यहां तीन चरण में मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर, दूसरे चरण का 25 सितंबर तो तीसरे चरण का मतदान एक अक्टूबर को होना है। लाल चौक विधानसभा सीट पर दूसरे चरण में वोटिंग होगी। जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों में सात सीट एससी और नौ सीट एसटी के लिए आरक्षित हैं। राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 88,66,704 है। इनमें से 4,27,813 युवा मतदाता हैं, जिनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है। यहां मतदान के लिए 11838 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।
लाल चौक में कब होंगे मतदान
लाल चौक विधानसभा सीट अनारक्षित है और यहां दूसरे चरण में मतदान होना है। दूसरे चरण के लिए गजट नोटिफिकेशन 29 अगस्त को जारी किया जाएगा। नामांकन की आखिरी तारीख पांच सितंबर होगी। छह सितंबर को आवेदनों की छटनी की जाएगी और नौ सितंबर नाम वापस लेने की आखिरी तारीख होगी। 25 सितंबर को मतदान होंगे और चार अक्टूबर को नतीजे जारी किए जाएंगे। छह अक्टूबर तक चुनाव पूरा हो जाएगा।
2014 में पीडीपी को मिली थी जीत
2014 में इस सीट पर आखिरी बार चुनाव हुए थे और पीडीपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस उम्मीदवार को हराया था। इस सीट पर आखिरी चुनाव में 44.03 फीसदी मतदान हुआ था। पीडीपी के मोहम्मद अशरफ मीर ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला को हराया था। मोहम्मद अशरफ मीर को 14283 वोट मिले थे, जबकि उमर अब्दुल्ला को 9500 वोट मिले थे। 4783 वोट के अंतर से मुफ्ती मोहम्मद सईद को जीत मिली थी। खास बात यह है कि इस बार दोनों पार्टियां इंडिया गठबंधन में साथ हो सकती हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस पहले ही इंडिया गठबंधन में शामिल होने का ऐलान कर चुकी है और आने वाले समय में पीडीपी भी इस घठबंधन का हिस्सा बन सकती है। ऐसे में जिस भी दल के नेता को टिकट मिलता है, उसे एकतरफा जीत मिल सकती है।
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