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जम्मू कश्मीर: "दुख की बात है कि हमें अलगाववादी, लोगों का दुश्मन कहा गया", रिहाई के बाद बोले मीरवाइज उमर फारूक

आज मीरवाइज उमर फारूक को चार साल की नजरबंदी के बाद रिहा करने का फैसला लिया है। उन्हें 4 अगस्त 2019 को घर में नजरबंद कर दिया गया था।

Reported By : Manzoor Mir Edited By : Shailendra Tiwari Published : Sep 22, 2023 17:13 IST, Updated : Sep 22, 2023 17:13 IST
Mirwaiz Umar Farooq
Image Source : INDIA TV मीरवाइज उमर फारूक

करीब 4 साल बाद आज प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर हुर्रियत के नेता मीरवाइज उमर फारूक को हाउस अरेस्ट से रिहा कर दिया है। अपनी रिहाई के बाद मीरवाइज उमर फारूक नमाज अदा करने ऐतिहासिक जामिया मस्जिद गए और वहां नमाज अदा की। इसके बाद हुर्रियत के नेता मीरवाइज उमर फारूक ने लोगों को संबोधित किया। अपने संबोधन में मीरवाइज उमर फारूक ने कहा,"हमने हमेशा शांति के लिए काम किया है और इसके लिए हमें अहिंसा का सामना करना पड़ा है। मेरे लिए दुख की बात है कि हमें अलगाववादी, लोगों का दुश्मन कहा गया, लेकिन हमारी ऐसी कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं थी।

"लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व"

मीरवाइज उमर फारूक ने आगे कहा, "हम लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। जम्मू-कश्मीर का एक हिस्सा भारत के साथ है, एक पाकिस्तान के साथ और एक चीन के साथ, जो जम्मू-कश्मीर का निर्माण करता है। हमें इस मसले का समाधान खोजना होगा। हम हमेशा चाहते हैं कि कश्मीरी पंडित भाई वापस लौट आएं, पंडितों की वापसी एक मानवीय मुद्दा है। इसे राजनीतिक मुद्दे के तौर पर पेश नहीं किया जाना चाहिए। मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे अपनी भावनाओं पर काबू रखें और पैगंबर मोहम्मद के संदेश का पालन करें, हमारे लिए अच्छा समय आएगा।"

मीरवाइज ने कहा, "4 साल बाद मैं यहां आपके साथ हूं। मुझे 4 अगस्त 2019 से घर में नजरबंद रखा गया था। इस तथ्य के बावजूद कि अधिकारियों ने मेरी रिहाई को मंजूरी दे दी थी, लेकिन कुछ नहीं किया गया। आख़िरकार, मुझे कोर्ट की शरण में जाना पड़ा और अपनी रिहाई का आदेश प्राप्त करना पड़ा। आप सभी से सालों तक दूर रहना मेरे लिए बहुत मुश्किल था। यह सबसे कठिन समय था लेकिन आपकी प्रार्थनाओं और प्यार ने मेरी मदद की और मैंने आप सभी को हमेशा अपने साथ पाया। मैं जानता हूं अगस्त 2019 के बाद आपके साथ जो हुआ वह आसान नहीं था; अनुच्छेद निरस्त कर दिया गया और राज्य का विभाजन कर दिया गया। घर में नजरबंद होने के बावजूद मैं हमेशा स्थिति पर नजर रखता रहा।

चार साल की नजरबंदी के बाद रिहा

बता दें कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आज मीरवाइज उमर फारूक को 4 अगस्त 2019 को शुरू हुई चार साल की नजरबंदी के बाद रिहा करने का फैसला लिया है। उन्हें 4 अगस्त को घर में नजरबंद कर दिया गया था, जब भारत सरकार ने आर्टिकल 370 और 35A को रद्द कर दिया था, इसके अलावा राज्य को दो टुकड़ों (जम्मू कश्मीर और लद्दाख) कर दिया गया था। बता दें कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया गया था।

पहले 2 और नेता हो चुके हैं रिहा

इससे पहले, साउथ कश्मीर के 2 और शीर्ष धार्मिक नेताओं मौलाना मुश्ताक वीरी और मौलाना दाऊदी को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लेने के लगभग 2 साल बाद रिहा कर दिया गया था। मुश्ताक वीरी को भाजपा नेताओं और जम्मू-कश्मीर मुस्लिम वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शा अंद्राबी द्वारा सम्मानित किए जाने की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ने भाजपा सरकार की आलोचना की और उन पर दोगली अवसरवादी राजनीति का आरोप लगाया। बता दें कि आज जम्मू-कश्मीर मुस्लिम वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शा अंद्राबी ने मीरवाइज उमर फारूक से मुलाकात की। प्रशासन के सूत्रों ने कहा कि एलजी प्रशासन ने विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ उचित परामर्श के बाद मीरवाइज उमर फारूक की रिहाई का निर्णय लिया है।

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