लोकसभा चुनाव 2024 का समापन हो गया है। देश में भाजपा 240 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। वहीं, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को 293 सीटें मिली हैं। विपक्षी दलों के INDI अलायंस को कुल 234 सीटें प्राप्त हुई हैं। अब एक खास आंकड़ा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से आया है। जहां कुल 100 उम्मीदवारों में से 68 प्रतिशत को ‘नोटा’ (उपरोक्त में से कोई नहीं) विकल्प से भी कम वोट मिले हैं।
उधमपुर में सबसे ज्यादा दबा नोटा
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के 5 लोकसभा क्षेत्रों में कुल 34,788 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया है। उधमपुर लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा 12,938 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना है। इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के जितेंद्र सिंह ने जीत हासिल की है। इस सीट पर 11 अन्य उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें नौ से अधिक उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट मिले हैं।
जम्मू-श्रीनगर में भी जमकर दबा नोटा
दूसरी ओर जम्मू लोकसभा सीट पर 4,645 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना है। ये आंकड़ा इस सीट पर 18 उम्मीदवारों को मिले वोटों से भी ज्यादा है। आपको बता दें कि जम्मू सीट से भाजपा उम्मीदवार जुगल किशोर ने जीत दर्ज की है। इस सीट पर 22 उम्मीदवार मैदान में थे। दूसरी ओर श्रीनगर सीट पर नोटा का विकल्प चुनने वाले मतदाताओं की संख्या 5,998 है, यहां से 24 उम्मीदवार मैदान में थे और उनमें से 18 उम्मीदवारों को नोटा से कम वोट मिले।
अन्य सीटों का कैसा हाल?
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में 6,223 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना है। इस सीट पर 20 उम्मीदवार मैदान में थे और उनमें से नौ को नोटा से भी कम वोट मिले हैं। बारामूला लोकसभा सीट पर 22 उम्मीदवार मैदान में थे और उनमें से 14 को नोटा से कम वोट मिले। यहां नोटा का आंकड़ा 4,984 का रहा। चुनाव आयोग के मुताबिक, कुल 100 में से 68 उम्मीदवारों को नोटा से कम वोट मिले हैं।
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