जम्मू कश्मीर के कुलगाम में एनकाउंटर के बाद कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं। आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन अब कॉर्पोरेट कंपनियों की तर्ज पर काम कर रहा है। मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के आईडी कार्ड भी बरामद किए गए हैं। पहली बार हिजबुल मुजाहिद्दीन द्वारा बनाए गए आतंकवादियों के पहचान पत्र बरामद किए गए हैं और उनकी पहचान भी हो चुकी है। इस मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के पांच आतंकी मारे गए हैं।
सुरक्षा बलों ने एनकाउंटर के बाद आतंकियों के पास से पांच एके-47 राइफल भी बरामद की हैं। इस घटना में मारे गए आतंकी जम्मू कश्मीर हुई कई आतंकी घटनाओं में शामिल थे और क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार थे। आतंकवादी की गोली से भारतीय सेना के 2 जवान घायल हुए हैं। एक जवान के कंधे और दूसरे की ठोड़ी में गोली लगी है) अब तक उनकी हालत स्थिर है।
ऑपरेशन कादर में मारे गए आतंकवादियों की पहचान
- फारूक आह भट नल्ली, कैट ए++, एचएम
- मुश्ताक इटू, कैट ए+, एचएम
- आदिल हजाम, कैट बी, एचएम
- इरफान आह लोन, कैट ए, एचएम
- यासिर आह भट, कैट सी, एचएम
कैसे हुआ एनकाउंटर
स्थानीय स्रोत से खुफिया जानकारी मिलने के बाद सेना ने तकनीकी निगरानी शुरू की। सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस एसओजी ने मिलकर जेकेपी, सेना आरआर यूनिट, सीआरपीएफ के साथ ऑपरेशन शुरू किया। ड्रोन के जरिए पहले आतंकवादी मुश्ताक इट्टो और इरफान लोन को देखा गया। इसके बाद अन्य आतंकी नजर आए। ये आतंकवादी हाल में हुए हमलों के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए जिम्मेदार हैं, हालांकि स्थानीय युवा अब उनके जाल में नहीं आ रहे हैं।
बुधवार रात शुरू हुआ था एनकाउंटर
अधिकारियों ने बताया कि संदिग्ध आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने बुधवार रात जिले के बेहिबाग इलाके के कद्देर में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया। आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की। मारे गए आतंकवादियों में हिजबुल मुजाहिदीन का स्वयंभू कमांडर फारूक अहमद भट उर्फ नाली भी शामिल है, जो कथित तौर पर दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद से जुड़ी कई घटनाओं में शामिल था। अभियान में मारे गए अन्य आतंकवादियों की पहचान इरफान लोन, आदिल हुसैन, मुश्ताक इटू और यासिर जावेद के रूप में हुई है, जो सभी स्थानीय निवासी थे। इलाके में तलाशी अभियान जारी है। पुलिस ने स्थानीय निवासियों से सुरक्षा कारणों से मुठभेड़ स्थल के करीब न जाने का अनुरोध किया है।