श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर सरकार ने बुधवार को 1 जनवरी 2011 से केंद्र शासित प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों की पहचान करने के लिए एक पैनल का गठन किया है। बता दें कि बीते कुछ सालों में जम्मू-कश्मीर में म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों समेत अन्य देशों के अवैध रूप से रह रहे कई विदेशी पकड़े गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर गृह विभाग ने जनवरी 2011 से केंद्र शासित प्रदेश में अवैध रूप से या अधिक समय तक रहने वाले विदेशी नागरिकों की पहचान करने के लिए वित्तीय आयुक्त/अतिरिक्त मुख्य सचिव और गृह विभाग की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है।
हर महीने की 7 तारीख को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
सरकार द्वारा अवैध रूप से रह रहे विदेशियों की पहचान के लिए बनाए गए पैनल में अमृतसर (पंजाब) के आव्रजन ब्यूरो के विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी, जम्मू CID की विशेष शाखा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, श्रीनगर CID की विशेष शाखा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सभी जिला SSP/SP (FRO) और राज्य समन्वयक, आप्रवासन वीज़ा विदेशी पंजीकरण ट्रैकिंग (आईवीएफआरटी) जम्मू और कश्मीर शामिल हैं। पैनल जम्मू-कश्मीर में लापता विदेशियों की एक मासिक रिपोर्ट तैयार करेगा और उसे हर महीने की 7 तारीख तक गृह मंत्रालय को सौंपेगा। समझा जा रहा है कि इस कवायद से अवैध रूप से रह रहे विदेशियों की संख्या पर तेजी से लगाम लग पाएगी।
हजारों की संख्या में रह रहे हैं अवैध विदेशी नागरिक
अक्टूबर की शुरुआत में ही जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में एक रोहिंग्या महिला को कथित तौर पर अधिवास प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर 3 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इन 3 व्यक्तियों में महिला, एक सुविधा प्रदान करने वाला और अधिवास प्रमाणपत्र जारी करने वाला अधिकारी शामिल है। किश्तवाड़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक खलील पोसवाल ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। जुलाई तक के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशियों सहित 13,700 से ज्यादा विदेशी अवैध रूप से जम्मू-कश्मीर के जम्मू और सांबा जिले में रह रहे थे।