जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। उमर अब्दुल्ला ने लोगों के सामने बेहद भावुक होकर अपनी टोपी सिर से नीचे उतारकर वोट करने की अपील की है। इस भावुक अपील के कुछ घंटों के बाद ही नेशनल कॉफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बडगाम विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़ने का एलान कर दिया।
अब्दुल्ला को सता रहा हार का डर!
उमर अब्दुल्ला के इस निर्णय ने पार्टी के भीतर आंतरिक मतभेदों को जन्म दिया है। वहीं, राजनीतिक दलों ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि उमर अब्दुल्ला को अपनी हार का डर सता रहा है। साथ ही विपक्षी नेताओं ने तंज कसते हुए कहा कि उमर अब्दुल्ला को अपनी साख बजाने के लिए तीसरी सीट से भी चुनाव लड़ना चाहिए।
कल तक कहते थे नहीं लड़ेंगे चुनाव- महबूबा मुफ्ती
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने उमर अब्दुल्ला के दो जगह से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा है। मुफ्ती ने कहा, 'उमर अब्दुल्ला कल तक यह कहते थे कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। पिछले तीन-चार साल से यह बात दोहराते रहे कि जब तक स्टेट हुड नहीं मिलता, वह चुनाव नहीं लड़ेंगे।'
इसके साथ ही महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव लड़ना से साफ मना किया था। उन्होंने कहा था कि वह चीफ मिनिस्टर बन कर उपराज्यपाल के दरवाजे पर एक चपरासी की ट्रांसफर के लिए खड़ा नहीं होना चाहते हैं।'
उमर अब्दुल्ला के कहने और करने में कितना फर्क?
मुफ्ती ने आगे कहा, 'अब्दुल्ला ने आज अपनी बात बदल दी है। वह न सिर्फ एक जगह बल्कि दो जगह से चुनाव लड़ रहे हैं। इससे अंदाजा होना चाहिए कि उनके कहने और करने में कितना फर्क है। ये जो कहते हैं, और करते क्या हैं? यह 1947 से करते आ रहे हैं।'
कुर्सी बचाने के लिए टोपी उतार कर मांग रहे भीख
बडगाम विधानसभा सीट से उमर अब्दुल्ला को चुनौती देने वाले निर्दलीय उम्मीदवार मुख्तार अहमद और बीजेपी प्रवक्ता साजिद यूसुफ ने कहा कि उमर को अपनी कुर्सी बचाने के लिए आज टोपी उतार कर भीख मांगनी पड़ रही है। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद उमर को अब अपनी जीत पर विश्वास नहीं रहा है।
तीसरी सीट से भी दाखिल कर सकते हैं नामांकन
इन नेताओं ने कहा, 'अगर उमर अब्दुल्ला को वाकई लगता था कि लोग उनके साथ हैं, तो उन्हें दो अलग-अलग विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की जरूरत महसूस नहीं होती। उन्हें बडगाम से लड़ने दे, लोगों को पता है कि कौन उनके लिए अच्छा कर सकता है। ऐसा लगता है कि उन्हें डर है। वे तीसरी विधानसभा सीट से भी नामांकन दाखिल कर सकते हैं।'
उमर अब्दुल्ला से बडगाम के युवा भी नरीज
न केवल राजनीतिक नेता बल्कि बडगाम क्षेत्र के युवा जो दूसरे जिले के व्यक्ति को अपना विधायक बनना पसंद नहीं करते हैं। यहां के युवा उमर अब्दुल्ला के बडगाम से चुनाव लड़ने से नाराज है। इंडिया टीवी से बात करते हुए कुछ युवाओं ने कहा, उमर हर जगह हार चुके हैं। अब वह बडगांव पहुंच गए हैं। जहां वह पहले थे। ऐसा लगता है कि वह गांदरबल से अपनी जीत के बारे में सुनिश्चित नहीं है। इन युवाओं ने एनसी उपाध्यक्ष पर यह भी आरोप लगाया की उमर अब्दुल्ला ने बारामूला से चुनाव हार कर कश्मीरी युवाओं को पत्थरबाजी से जोड़कर युवाओं को निराश किया है।
कश्मीर में NC की चल रही हवा- उमर अब्दुल्ला
वहीं, उमर अब्दुल्ला ने इन सभी सवालों का जवाब देते हुए कहा, 'कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस की हवा चल रही है। दो सीटों से चुनाव लड़ना कमजोरी नहीं नेशनल कांफ्रेंस की ताकत है। जब वोटों की गिनती होगी तो फैसला हमारे हक में होगा। जीत नेशनल कांफ्रेंस की होगी। गठबंधन की होगी। हमारा मकसद बीजेपी को रोकना। उन ताकतों को रोकना है, जो जम्मू कश्मीर को दबा के रखना चाहते हैं।'