जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मंत्री चौधरी जुल्फिकार अली रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। अली ने कहा कि वह क्षेत्र में शांति और विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ पार्टी में शामिल हुए हैं। केंद्रीय मंत्री जी.किशन रेड्डी और जितेंद्र सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ और भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना ने जम्मू स्थित मुख्यालय में अली का पार्टी में स्वागत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अली के आने से जम्मू-कश्मीर में पार्टी की जमीनी स्तर पर मौजूदगी बढ़ेगी।
अमित शाह से जुल्फिकार अली ने की थी मुलाकात
अपने समर्थकों और नेताओं के साथ आए अली ने क्षेत्र में शांति और विकास लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की सराहना की। जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष अली ने हाल में नयी दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की और केंद्र का समर्थन मांगा था। उन्होंने राजौरी-पुंछ क्षेत्र में पर्यटन पहल को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला तथा कश्मीर के समान पर्यटन स्थल के रूप में इसकी क्षमता को रेखांकित किया। उन्होंने क्षेत्रीय भावनाओं का कथित रूप से दोहन करने के लिए कश्मीर आधारित पार्टियों की आलोचना की।
क्या बोले जुल्फिकार अली?
अली ने कहा, ‘‘सत्तर से अधिक वर्षों से हमें बताया गया कि अगर मुसलमानों को जम्मू में जीवित रहना है, तो उन्हें नेशनल कॉन्फ्रेंस को वोट देना होगा। नेताओं ने इस सोच के साथ लोगों में डर पैदा करके हमें गुमराह किया, लेकिन हमें दिल्ली से खुद को दूर क्यों रखना चाहिए?’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर दिल्ली सत्ता का केंद्र है, तो हमें इससे दूर क्यों रहना चाहिए? मैं अपने क्षेत्र को विकास के रास्ते पर लाने के लिए भाजपा में शामिल हुआ।’’ अली ने कहा, ‘‘भाजपा में शामिल होने के हमारे फैसले से हमारी आस्था में कोई बदलाव नहीं आएगा। पार्टी ने पूरे क्षेत्र में शांति और विकास की दृष्टि से ठोस सुधार किए हैं।’’ पेशे से वकील अली ने 2008 और 2014 के विधानसभा चुनावों में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के टिकट पर राजौरी जिले की दरहाल विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। वह 2015 से 2018 तक महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे।