जम्मू कश्मीर के रियासी में श्रद्धालुओं की बस पर हुए आतंकी हमले के बाद से सेना आतंकवादियों की तलाश में जुटी है। 2017 में अमरनाथ जा रहे यात्रियों पर हमले के बाद यह पहली घटना है, जब तीर्थयात्रियों को निशाना बनाकर किसी बस पर हमला किया गया है। इस हमले के बाद से सेना ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। आतंकियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए फॉरेंसिक टीम को भी काम पर लगाया गया है। ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारतीय सेना के साथ सीआरपीएम और जम्मू कश्मीर पुलिस भी सर्च ऑपरेशन में जुटी हुई है। यहां हम 10 बिंदुओं में समझा रहे हैं कि अब तक क्या-क्या हुआ है...
- रविवार (9 जून) को शिव खोड़ी मंदिर से कटरा लौट रही श्रद्धालुओं की एक बस पर जंगल में घात लगाए आतंकियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। गोलीबारी से घबराया ड्राइवर बस कंट्रोल नहीं कर पाया और बस खाई में गिर गई।
- बस के खाई में गिरने से और गोलीबारी से कई यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, कुछ बुरी तरह घायल हो गए। बस में लगभग 50 यात्री सवार थे। इनमें से 9 की मौत हो चुकी है और 37 बुरी तरह घायल हैं।
- आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर राहत और बचावकार्य शुरू किया। सोमवार तक राहत और बचाव कार्य पूरा किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित कई नेताओं ने आतंकी हमले की आलोचना की और श्रद्धालुओं की मौत पर दुख जताया।
- हमले के बाद से ही सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। लगभग 100 किलोमीटर के इलाके में घेराबंदी की गई। भारतीय सेना के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएम के जवान भी सर्च ऑपरेशन में लगे गए।
- सघन जंगल वाले इलाके में छिपे आतंकियों को देखने के लिए ड्रोन कैमरा भी उपयोग में लाए गए। सेना ने आतंकियों को ढूंढ़ने के लिए हर संभव तरीका अपनाया।
- जिस जगह पर आतंकियों ने हमला किया था, वहां फॉरेंसिक जांच के लिए अलग टीम भेजी गई और सुराग इकट्ठे करने की कोशिश की गई।
- रियासी की एसएसपी मोहिता शर्मा ने बताया कि यात्रियों की पहचान अब तक नहीं हो पाई है। बस में सवाल श्रद्धालु स्थानीय नहीं हैं। उनमें से अधिकतर यूपी के हैं।
- स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (एसडीआरएफ) भी सोमवार सुबह रियासी पहुंच गया और बचाव कार्य पूरा होने के बाद पूरा ध्यान आतंकियों को पकड़ने पर था।
- आतंकी हमले के बाद से पूरी इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है, सेना के जवान पूरे इलाके में तैनात हैं।
- मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये देने का ऐलान किया गया।