FAROOQ ABDULLAH EXCLUSIVE: जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं। ऐसे में चुनाव पर पूरे देश भर की नजरें टिकी हुई थीं। 8 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए गए, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेस और कांग्रेस पार्टी के गठबंधन को बहुमत हासिल हुआ। अब जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। जम्मू-कश्मीर के अगले सीएम उमर अब्दुल्ला होंगे। वहीं चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने इंडिया टीवी से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने पूर्ण राज्य की मांग और आर्टिकल 370 सहित कई अन्य अहम मुद्दों पर बात की।
स्टेटहुड पर क्या बोले फारूक?
फारूक अब्दुल्ला से पूछा गया कि 'आपने कहा जम्मू-कश्मीर ताज है, तो स्टेटहुड और आर्टिकल 370 जैसे जिन मुद्दों का आपने चुनाव में जिक्र किया था, उसपर आपका क्या कहना है?' इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 को वापस लाना एक लंबी जंग है। जम्मू-कश्मीर को स्टेटहुड देने का वादा केंद्र सरकार ने किया है। प्रधानमंत्री ने किया है, सुप्रीम कोर्ट ने भी स्टेटहुड देने का वादा किया है। हम उम्मीद करेंगे वो जल्द से जल्द स्टेटहुड दे सकें और हम हुकूमत चला सकें। उसके बगैर ये हुकूमत चलेगी नहीं, जब तक दिल्ल्ली भी हमारे साथ नहीं चलेगी। उन्हें समझना चाहिए कि इस रियासत को बचाना बहुत जरूरी है। अगर क्राउन को चमकाना है तो दिल्ली को हमेशा साथ रहना होगा।
कांग्रेस से साथ जारी रहेगा गठबंधन?
उनसे जब पूछा गया कि 'कांग्रेस की स्थिति को देखते हुए आपको क्या लगता है? क्या आपको लगता है कि अगर अकेले चुनाव लड़े होते तो और अधिक सीटें आ सकती थीं?' इस पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हुकूमत और हुकूमत का रिश्ता अलग रहता है और जमातों का रिश्ता अलग होता है। हमारा इंडिया गठबंधन से रिश्ता खत्म नहीं होगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस की स्थिति और मजबूत हो सकती थी? इस पर उन्होंने कहा कि अब इस पर बहस नहीं किया जा सकता। जो हो गया सो हो गया, हम उसको भूलकर आगे चलें। अब हमें लोगों की गलतफहमी दूर करनी है।
क्यों आई अटल जी की याद?
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह एस जयशंकर के पाकिस्तान दौरे का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि जिस दिन पाकिस्तान और हिन्दुस्तान नफरत छोड़ दें, सब ठीक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी की बात याद आती है कि दोस्त बदल सकते हैं पड़ोसी नहीं बदले जा सकते। पड़ोसियों के साथ मिलकर तेजी से तरक्की कर सकते हैं। दोस्ती में रहेंगे तो दोनों मुल्क तरक्की करेंगे। अगर दोस्ती में नहीं रहेंगे तो दोनों मुल्क पीछे रह जाएंगे। मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तान इन सब जीचों को भूल कर और हिंदूस्तान का हाथ पकड़कर और आगे जाएगा। मुझे उम्मीद है कि शपथ लेने के बाद उमर अब्दुल्ला दिल्ली जाएंगे और PM से मिलकर स्टेटहुड की मांग करेंगे। वो भी तो जम्मू-कश्मीर की तरक्की जाहते हैं।
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