नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर में M4 राइफल की मौजूदगी ने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, 2021 में अमेरिकी सेना द्वारा अफगानिस्तान से वापसी के बाद छोड़े गए हथियार अब पाकिस्तान से घुसपैठ कर कश्मीर आने वाले आतंकवादियों तक पहुंच रहे हैं। हाल ही में जम्मू और कश्मीर में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने M4 कार्बन असॉल्ट राइफल बरामद की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि अतंकवादी अब AK-47 की जगह M4 राइफल का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं। माना जा रहा है कि ये राइफलें मुख्य रूप से अफगानिस्तान से खरीदी जा रही हैं और पाकिस्तान में इनकी कॉपी भी बनाई जा रही है।
सीसीटीवी फुटेज में M4 राइफल के साथ नजर आए थे आतंकी
जम्मू और कश्मीर के गंदेरबल जिले में टनल परियोजना में काम कर रहे मजदूरों और कर्मचारियों पर हुए आतंकवादी हमले में सीसीटीवी फुटेज में आतंकवादियों को M4 राइफल के साथ देखा गया था। इसी के साथ खुलासा हो गया कि पाकिस्तान की शहर पर कश्मीर में आतंक फैलाने वाले आतंकियों के पास ये खतरनाक हथियार आ गए हैं। इससे पहले भी 2017 में हिज्बुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर समीर टाइगर और 2018 में जैश ए मोहम्मद के पाकिस्तानी कमांडर अबु तल्हा के पास से M4 राइफलें बरामद हो चुकी हैं। जब अमेरिकी और नाटो की सेना अफगानिस्तान में तैनात थी, तो पाकिस्तान के कराची और अफगानिस्तान की सीमा से लगे खैबर पख्तूनख्वा से इन राइफलों की जमकर सप्लाई होती थी।
जानें किन खूबियों से लैस होती है M4 राइफल
M4 राइफल एक हल्की, गैस-ऑपरेटेड, एयर-कूल्ड, मैगज़ीन फेड असॉल्ट राइफल है। इसकी खास बात यह है कि ये प्रति मिनट 700 से 900 राउंड फायर कर सकती है। यह 500 से 600 मीटर की दूरी पर बेहद आराम से निशाना साध सकती है, जबकि इसकी अधिकतम रेंज 3600 मीटर तक होती है। इसके अलावा, इसमें नाइट विजन जैसी सुविधाएं भी होती हैं, जो इसे और भी ज्यादा घातक बनाती हैं। इस राइफल का इस्तेमाल विशेष रूप से जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तानी कमांडर करते रहे हैं, और यह राइफल जम्मू के अखनूर सेक्टर में मारे गए आतंकवादियों के पास से भी बरामद हुई थी।
डिफेंस एक्सपर्ट्स ने जताई गहरी चिंता
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, सीमा पार से M4 जैसे अत्याधुनिक असॉल्ट राइफलों का कश्मीर में आतंकवादियों के पास पहुंचना एक गंभीर चिंता का विषय है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि 2021 में अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में 3 लाख छोटे हथियारों और हजारों M4 राइफलों सहित लगभग 7 बिलियन डॉलर मूल्य के सैन्य उपकरण छोड़कर चली गई थी। ये हथियार अब पाकिस्तान से होते हुए कश्मीर में आतंकियों तक पहुंच रहे हैं, जो क्षेत्र की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है।