Friday, November 22, 2024
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भारी बर्फबारी के बीच लद्दाख में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 4.5 रही तीव्रता

लद्दाख में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र लेह में था। भूकंप के झटके से किसी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं है।

Written By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Updated on: December 26, 2023 7:46 IST
लद्दाख में भूकंप के झटके- India TV Hindi
Image Source : SYMBOLIC PICTURE लद्दाख में भूकंप के झटके

भारी बर्फबारी और कोहरे के बीच लद्दाख में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप के झटके मंगलवार सुबह 4:33 बजे लगे। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र लेह में था। मिली जानकारी के अनुसार, भूकंप उस समय आया जब लोग सुबह नींद में थे। भूकंप के झटके लगने से कुछ लोगों की नींद टूट गई और वे लोग घर से बाहर निकल आए। भूकंप के झटके ज्यादा तेज नहीं होने से किसी प्रकार के जान-माल की क्षति नहीं हुई। बता दें कि यहां पर पिछले कई दिनों से भारी बर्फबारी हो रही है।

एक सप्ताह पहले भी आया था भूकंप

 बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। एक सप्ताह पहले भी लद्धाख में भूकंप के झटके तीन बार महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर भूकंप के पहले झटके की तीव्रता 5.5 मापी गयी थी और इसके बाद कम तीव्रता के दो झटके महसूस किए गए थे। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में भी भूकंप का हल्का झटका आया था।

भूकंप की इतनी थी तीव्रता 

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के मुताबिक, भूकंप का पहला झटका दोपहर 3.48 बजे आया और इसका केंद्र कारगिल था। भूकंप का केंद्र सतह से 10 किलोमीटर नीचे 33.41 डिग्री अक्षांश और 76.70 डिग्री देशांतर पर था। एनसीएस ने बताया कि इसके बाद करीब चार बजकर एक मिनट पर 4.8 और 3.8 तीव्रता के दो और झटके महसूस किए गए। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में शाम चार बजकर 18 मिनट पर 3.6 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र सतह से 10 किलोमीटर की गहराई में 33.37 डिग्री अक्षांश और 76.57 डिग्री देशांतर पर स्थित था।  

भूकंप के कारण दरारें पड़ने के बाद मठ असुरक्षित घोषित 

अभी हाल में ही लद्दाख के जंस्कार क्षेत्र में हाल में आए भूकंप के बाद 800 साल से अधिक पुराने एक मठ में दरारें आ गईं, जिसके बाद इसे असुरक्षित घोषित कर दिया गया। अधिकारी ने कहा कि तहसीलदार (जंस्कार) सोनम दोरजय के नेतृत्व में एक सरकारी टीम ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया, जिसमें कार्षा मठ का 800 साल पुराना मुख्य लाखांग (रक्षक कक्ष) भी शामिल है। अधिकारी ने कहा कि भूकंप के कारण मठ में दरारें पड़ गईं और टीम ने इस स्थल को "प्रार्थना व सभा करने" के लिए असुरक्षित घोषित करने का फैसला किया।  

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