जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, भूकंप की तीव्रता बहुत ज्यादा नहीं थी। ऐसे में जान-माल का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 आंकी गई है। भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर अंदर था। रिक्टर स्केल पर 5 से ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप ही खतरनाक माने जाते हैं। इससे कम तीव्रता वाले भूकंप आमतौर पर कम तबाही करते हैं। हालांकि, जर्जर या निर्माणाधीन इमारत गिर सकती है। वहीं, पहाड़ों में बारिश के चलते भूस्खलन की आशंका रहती है। छोटे से छोटा भूकंप भी भूस्खलन की आशंका को बढ़ाता है।
क्यों आते हैं भूकंप?
हाल के दिनों में देश-दुनिया के कई इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। दरअसल, हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं।
हर साल दुनिया में आते हैं करीब 20 हजार भूकंप
हर साल दुनिया में करीब 20 हजार भूकंप आते हैं लेकिन उनकी तीव्रता इतनी ज्यादा नहीं होती कि लोगों को भारी नुकसान हो। नेशनल अर्थक्वेक इंफोर्मेशन सेंटर इन भूकंप को रिकॉर्ड करता है। जानकारी के मुताबिक, 20 हजार में से केवल 100 भूकंप ऐसे होते हैं, जिनसे नुकसान होता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप हिंद महासागर में 2004 में आया था। ये भूकंप 10 मिनट तक महसूस किया गया था।
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का अंदाजा कैसे लगा सकते हैं?
- 0 से 1.9 सीज्मोग्राफ से मिलती है जानकारी
- 2 से 2.9 बहुत कम कंपन पता चलता है
- 3 से 3.9 ऐसा लगेगा कि कोई भारी वाहन पास से गुजर गया
- 4 से 4.9 घर में रखा सामान अपनी जगह से नीचे गिर सकता है
- 5 से 5.9 भारी सामान और फर्नीचर भी हिल सकता है
- 6 से 6.9 इमारत का बेस दरक सकता है
- 7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं
- 8 से 8.9 सुनामी का खतरा, ज्यादा तबाही
- 9 या ज्यादा सबसे भीषण तबाही, धरती का कंपन साफ महसूस होगा
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