श्रीनगरः मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बुधवार को यहां कहा कि निर्वाचन आयोग जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा और हितधारकों से मिली प्रतिक्रिया के बाद लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ या अलग-अलग कराने पर फैसला करेगा। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने में 'विलंब' को लेकर हो रही आलोचना को भी खारिज किया और कहा कि परिसीमन व आवश्यक विधायी प्रक्रियाएं दिसंबर 2023 तक ही पूरी हुई हैं।
जल्द कराए जाएंगे चुनाव
आगामी संसदीय चुनावों की तैयारियों का आकलन करने के लिए जम्मू-कश्मीर के अपने तीन दिवसीय दौरे की समाप्ति से पहले उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''जरूरी प्रक्रियाएं दिसंबर 2023 में पूरी हुईं और अभी मार्च का महीना है। हम अपनी जिम्मेदारियों को जानते हैं और जल्द ही चुनाव कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आयोग ने आगामी लोकसभा चुनावों के साथ-साथ विधानसभा चुनाव कराने पर राजनीतिक दलों, सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन सहित सभी हितधारकों से प्रतिक्रियाएं ली हैं।
चुनाव आयोग ने की समीक्षा मीटिंग
राजीव कुमार ने कहा, ''हमने दोनों चुनाव एक साथ कराने और एक के बाद एक चुनाव कराने जैसी परिस्थितियों की समीक्षा की। हम सुरक्षा स्थिति और प्रतिक्रियाओं की समीक्षा के बाद फैसला करेंगे। उन्होंने कहा, ''हमने हर किसी से प्रतिक्रिया ली है कि कितनी सुरक्षा की जरूरत है। प्रत्येक उम्मीदवार (जम्मू-कश्मीर में) को सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता होती है इसलिए एक साथ चुनाव कराने में सुरक्षा समस्याएं हो सकती हैं।'' कुमार ने कहा कि आयोग विधानसभा और लोकसभा चुनावों को लेकर समान रूप से चिंतित है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से विधानसभा चुनाव अभी तक हुआ ही नहीं। राज्य की पार्टियां जल्द चुनाव कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गई थी। जिस पर केंद्र भी चुनाव कराने पर सहमत था। विपक्ष का आरोप था कि सरकार यहां पर चुनाव नहीं करवाना चाहती।
इनपुट-भाषा