श्रीनगर: कश्मीर में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना साकार होता दिख रहा है। यहां पर दी गई कुर्बानियां रंग ला रही हैं। इसके साथ ही धरती की जन्नत कहे जाने वाले कश्मीर पर फिर से कमल खिलने जा रहा है। ऐसा कहना है जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के सबसे पुराने कार्यकर्ता मोहम्मद आजाद अशरफ का। इंडिया टीवी से उन्होंने पीएम मोदी से पहली मुलाकात और उनके सपने के बारे में विस्तार से बात की। आजाद अशरफ का कहना है कि वह 1990 के दशक से ही पीएम मोदी के मुरीद हैं।
90 के दशक में थामा था BJP का दामन
बीजेपी कार्यकर्ता मोहम्मद आजाद अशरफ ने बताया कि 1990 के दशक में उन्होंने तब बीजेपी का दामन थामा, जब पीएम मोदी ने श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। यह कश्मीर का ऐसा दौर था जब किसी पॉलिटिकल पार्टी का नाम लेने पर आतंकी मौत का प्रमाण जारी किया करते थे। आजाद अशरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की पहली मुलाकात 19 साल की उम्र में हुई थी। उस समय कश्मीर में हर तरफ गोलियों की गूंज और भारत की बात करने पर फांसी की सजा का हुक्म सुनाया जाता था। यह कश्मीर की बदनसीबी का वह दौर था जब हजारों लोगों को मौत के घाट उतारा गया। खौफ इतना था कि कश्मीर के राजनीतिक दलों के नेता भी कश्मीर छोड़कर विदेश चले गए। हर तरफ बर्बादी का मंजर था।
पीएम मोदी की हिम्मत ने दिलाया भरोसा
आजाद अशरफ कहते हैं कि इसी बीच 1992 में अचानक एक खबर आई कि मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी श्रीनगर के ऐतिहासिक लाल चौक पर 26 जनवरी को तिरंगा फहराने आएंगे। आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन और जेकेएलएफ ने लाल चौक पर हमला करने की धमकी दे डाली, लेकिन पीएम मोदी डरे नहीं। उस वक्त मैंने सोचा कि मैं भी लाल चौक जाऊं और देखूं कि इतनी दहशत के बावजूद भी कौन लाल चौक पर झंडा फहराएगा। इसके बाद जब लाल चौक पर मोदी और मुरली मनोहर जोशी ने तिरंगा फहराया तभी मैंने यह तस्लीम किया कि भारत मेरा देश है।
श्रीनगर की रैली में पीएम से हुई मुलाकात
आजाद अशरफ का कहना है कि लाल चौक पर यह मेरी पीएम मोदी से पहली मुलाकात थी। हालांकि मेरा कोई पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं था, लेकिन मैं उनकी हिम्मत देखकर उनका मुरीद बन गया। उस वक्त पीएम मोदी ने लाल चौक पर अपने भाषण में कहा था कि पाकिस्तान के बिना भारत अधूरा है और तभी मैं बीजेपी को दिल से बिना किसी डर और खौफ के तस्लीम किया और आज भी मैं पीएम मोदी के इस मिशन पर एक सिपाही की तरह काम कर रहा हूं। आजाद अशरफ ने कहा कि 7 मार्च को श्रीनगर में हुई एक ऐतिहासिक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर वह बेहद खुश थे। उन्होंने मेरे साथ बातचीत करते हुए कहा कि कश्मीर के लोगों ने जो कुर्बानियां दी हैं, वह आज रंग लाई हैं। लोगों ने मुझे प्यार दिया। मैं यहां के लोगों को प्यार का बदला प्यार से ही दूंगा। कश्मीर को फिर से जन्नत बना कर दूंगा। आजाद अशरफ कहा कि प्रधानमंत्री के दिल में शुरू से ही कश्मीर बसा है। उनका सपना है कि कश्मीर फिर से खिल उठे कश्मीर जन्नत बने।
आज हर तरफ लहरा रहा तिरंगा
बता दें कि मोहम्मद आजाद अशरफ बडगाम जिले के सोइबुघ इलाके के रहने वाले हैं। इस इलाके को एक दौर में छोटा पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था। हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ और जेहाद काउंसिल के चेयरमैन सैयद सलाहुद्दीन का घर भी इसी इलाके में है। मोहम्मद आजाद कहते हैं आज इस गांव में शांति है। आज यह गांव सलाहुद्दीन और पाकिस्तान के नाम से नहीं बल्कि भारत के एक हिस्से के नाम से जाना जाता है। आज यहां शान से हर तरफ तिरंगा लहराता हुआ नजर आ रहा है। आजाद अशरफ को उम्मीद है कि आने वाले लोकसभा और कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव में कश्मीर में जरूर कमल का फूल खिलेगा, क्योंकि यह फूल कश्मीर का है जो पूरे देश में राज करता है। अशरफ ने उम्मीद जताई कि इस बार हमारा सपना लोकसभा चुनाव में जरूर पूरा होगा और इस फूल को तोहफे के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पेश किया जाएगा।
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