जम्मू कश्मीर में चुनाव के लिए तारीख का आज इलेक्शन कमीशन ने ऐलान कर दिया है। इलेक्शन कमीशन ने बताया कि जम्मू कश्मीर में 3 चरणों में चुनाव होंगे। आगे बताया कि 18 सितंबर को पहला चरण, 25 सितंबर को दूसरा चरण और 1 अक्तूबर तीसरा व अंतिम चरण होगा। वहीं, 4 अक्टूबर को रिजल्ट जारी किए जाएंगे। इस पर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि देर आए, दुरुस्त आए।
1987 के बाद पहली बार इतने कम चरण में चुनाव
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि कुछ समय पहले ही चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में चुनाव की घोषणा की है। जम्मू-कश्मीर के लोग इसका इंतज़ार कर रहे थे। 2018 के बाद से वहां कोई लोकतांत्रिक सरकार नहीं थी। वे देर से आए हैं, लेकिन आखिरकार यह हो रहे हैं। चुनाव तीन चरण में होंगे और कार्यक्रम जल्द ही खत्म हो जाएगा। 1987 के बाद राज्य में पहली बार इतने कम चरण में चुनाव होंगे।
'मुझ पर लड़ने का बहुत दबाव'
अब्दुल्ला ने आगे कहा कि राजनीतिक दलों के लिए यह एक नया अनुभव होगा। हम तैयार हैं और हम अब अपनी तैयारी शुरू करेंगे। हमने चुनाव आयोग को भेजे गए पत्र को देखा है, जिसमें घोषणा से ठीक पहले पिछले 12 घंटों में हुए तबादलों के बारे में बताया गया है। चुनाव आयोग को इन तबादलों पर ध्यान देना चाहिए और जो दिशा-निर्देशों के तहत नहीं हैं, उनके बारे में बात की जानी चाहिए। हमारे नेताओं की जो सुरक्षा वापस ली गई थी, उसे वापस दिया जाना चाहिए। मैं चुनाव लड़ना नहीं चाहता, लेकिन पार्टी की ओर से मुझ पर लड़ने का बहुत दबाव है।
'पीडीपी पर फैसला फ़ारूक़ अब्दुल्ला लेंगे'
आगे उन्होंने कहा कि मैं अगले कुछ दिनों में फ़ैसला लूंगा। मेरे पिता बीमार हैं और उन्होंने कहा कि अगर मैं नहीं लड़ूंगा तो उन्हें लड़ना पड़ेगा। हमने पीडीपी के लिए दरवाज़े खुले रखे थे लेकिन लगता है कि उन्होंने दरवाज़े बंद कर दिए हैं। उन्होंने संसदीय चुनावों में कांग्रेस की मदद नहीं की। गठबंधन का फ़ैसला पार्टी और डॉ.फ़ारूक़ अब्दुल्ला द्वारा लिया जाएगा।
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