Tuesday, November 26, 2024
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कश्मीर में बदली फिजा, मंदिरों में फिर से गूंजेगी घंटियां, पंडितों का हो रहा बेसब्री से इंतजार

कश्मीर में आतंकी घटनाओं के बाद मंदिरों में घंटियों की गूंज कहीं खो गई थी। अब फिर से मंदिरों में घंटियां गूंजेंगी। मंदिरों को फिर से तैयार किया जा रहा है। इंतजार है तो बस पंडितों के घर लौटने का, जानें पूरी खबर-

Reported By : Manzoor Mir Edited By : Kajal Kumari Updated on: November 26, 2024 17:55 IST
temples of kashmir- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO कश्मीर के मंदिरों में फिर से गूंजेंगी घंटियां

कश्मीर के मंदिरों में बहुत जल्द फिर से घंटियों की गूंज सुनाई देगी। 1990 के दशक से वीरान पड़े मंदिरों को रिनोवेट किया जा रहा है और सैकड़ों मंदिर तैयार हो चुके हैं। अब बस कश्मीरी पंडितों की घर वापसी का इंतजार हो रहा है। श्रीनगर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कश्मीर के विभिन्न इलाकों में केंद्र सरकार की मदद से 1990 के दशक में जलाए गए और वीरान हुए मंदिरों को फिर से तैयार किया जा रहा है। श्रीनगर के विभिन्न इलाकों में 2021 से अब तक 20 से अधिक प्राचीन मंदिरों को अब तक रिनोवेट किया जा चुका है, जबकि 15 से अधिक ऐतिहासिक मंदिरों में काम करना अभी बाकी है।

जिन बड़े और प्राचीन काल ऐतिहासिक मंदिरों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है, इनमें हनुमान मंदिर, मंगलेश्वर जैसे मंदिरों के अलावा डाउनटाउन इलाके के भी कई बड़े मंदिर शामिल है.और यह सभी मंदिर 600 से 700 साल पुराने बताए जा रहे हैं।

kashmir temples

Image Source : INDIATV
कश्मीर के मंदिर

घर छोड़कर चले गए थे कश्मीरी पंडित

कश्मीर घाटी में 1989 में जैसे ही मिलिटेंसी का दौर शुरू हुआ तो सबसे पहले डाउनटाउन इलाके में स्थित कश्मीरी पंडितों ने हिंसा और आतंकवाद के डर से कश्मीर से पलायन करना शुरू किया था और फिर वक्त गुजारने के साथ-साथ सुबह और शाम मंदिर में बजने वाली घंटियां भी खामोश हो गई थीं। कश्मीरी पंडितों की जमीन जायदाद और मंदिर बस सिर्फ एक वीरानी का मंजर बयां कर रहे थे और कुछ नहीं लेकिन जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद वर्ष 2021 से केंद्र सरकार ने इन सभी वीरान मंदिरों को आबाद करने की पहल दोबारा शुरू की है।

700 साल पुराने हैं मंदिर, फिर से हो रहे तैयार

खास बात यह है कि इन वीरान पड़े मंदिरों को 700 साल पुराने उसे आर्किटेक्ट डिजाइन पर दोबारा तैयार किया जा रहा है। केंद्र सरकार की तरफ से उठाए गए इस कदम से कश्मीरी पंडित भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं। वह मानते हैं कि कश्मीर में वीरान मंदिरों को फिर से तामीर किया जा रहा है और अब तक कहीं बड़े मंदिर पूरी तरह से रिनोवेट किया जा चुके हैं जहां अक्सर कश्मीरी पंडित आकर पूजा अर्चना भी करते हैं। इन लोगों का यह भी मानना है कि कश्मीरी पंडितों को वापस आना चाहिए ताकि इन मंदिरों में फिर से पूजा अर्चना हो सके।   

अब तक करीब 20 ऐतिहासिक मंदिरों को रेनोवेट किया गया है,जबकि घाटी में मंदिरों की संख्या 952 है। सरकार की कोशिश है कि 1990 के दशक से अब तक जितने भी मंदिर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं उन्हें जल्द से जल्द रेनोवेट किया जा सके।

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