कश्मीर में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है जबकि कड़ाके की ठंड की अवधि ‘चिल्लई कलां’ अभी शुरू भी नहीं हुआ। चिल्लई कलां से एक दिन पहले घाटी में तापमान जीरो से कई डिग्री नीचे चला गया और श्रीनगर में इस मौसम की अब तक की सबसे ठंड रात दर्ज हो गई। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि श्रीनगर में न्यूनतम तापमान जीरो से 6.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज हुआ, जो पिछली रात के जीरो से 6 डिग्री सेल्सियस नीचे से थोड़ा कम है। गुरुवार की रात का तापमान इस मौसम में सामान्य से 4.2 डिग्री कम था।
उन्होंने आगे बताया कि इस कड़ाके की ठंड के कारण कई इलाकों में जलापूर्ति लाइन और डल झील सहित कई तालाब और झील जम गए हैं। वहीं, श्रीनगर और मैदानी इलाकों में लंबे समय से जारी शुष्क मौसम के कारण खांसी-जुकाम जैसी बीमारियां बढ़ गई हैं।
गुलमर्ग में नीचे रहा न्यूनतम तापमान
मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण कश्मीर में पहलगाम में न्यूनतम तापमान जीरो से 8.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात के तापमान से कम है। जबकि स्कीइंग के लिए मशहूर पर्यटन स्थल गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान जीरो से 6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज हुआ। वहीं, पंपोर शहर के बाहरी इलाके में स्थित कोनीबल, घाटी का सबसे ठंडा क्षेत्र रहा। यहां न्यूनतम तापमान जीरो से 9.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज हुआ। इधर काजीगुंड में न्यूनतम तापमान भी जीरो से 7.6 डिग्री सेल्सियस नीचे, उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा में शून्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस नीचे और दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में शून्य से 5.8 डिग्री नीचे मापा गया।
बर्फबारी की जताई संभावना
जानकारी दे दें कि मौसम विभाग ने 26 दिसंबर तक मौसम मुख्यतः शुष्क रहने का अनुमान जताया और 21-22 दिसंबर की रात को घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की भी संभावना जताई है। विभाग ने कहा कि 27 दिसंबर की रात से 28 दिसंबर की सुबह तक ऊपरी कुछ इलाकों में हल्की बर्फबारी हो सकती है। विभाग ने कहा कि घाटी में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने की संभावना है। साथ ही अगले कुछ दिनों में छिटपुट स्थानों पर शीत लहर चलेगी।
कब शुरू हो रहा ‘चिल्लई-कलां’?
जानकारी दे दें कि कश्मीर में सबसे कड़ा 40 दिनों तक ठंड का दौर ‘चिल्लई-कलां’ शनिवार से शुरू हो रहा है। इस दौरान सबसे अधिक बर्फबारी की संभावना होती है और तापमान में भी काफी गिरावट दिखती है। जानकारी दे दें कि ‘चिल्लई-कलां’ 31 जनवरी 2025 को खत्म होगा। इसके बाद 20 दिन तक चलने वाली ‘चिल्लई-खुर्द’ में शीत लहर का दौर चलेगा। ‘चिल्लई-खुर्द’ के बाद 10 दिन तक ‘चिल्लई-बच्चा’ का दौर चलता है।
(इनपुट- पीटीआई)