जम्मू-कश्मीर में के 90 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक सीट बसोहली विधानसभा सीट है। जहां एक अक्तूबर को मतदान किया गया था और आज यानी 8 अक्तूबर को मतों की गिनती की जा रही है। फिलहाल इस सीट पर गिनती जारी है, अब देखने वाली बात ये है कि इस सीट से किस उम्मीदवार को जीत मिलेगी और किसे हार का सामना करना पड़ेगा। नतीजे बहुत जल्द ही साफ हो जाएंगे।
हिंदू बहुल क्षेत्र है ये विधानसभा सीट
पिछले दो बार से इस सीट से विधानसभा का चुनाव बीजेपी जीतते आ रही है। इस बार यह देखना है कि इस सीट पर जीत किसकी होती है। हालांकि ये इलाका हिंदू बहुल क्षेत्र है इसलिए यहां बीजेपी के लिए जीत की राह आसान है। इस विधानसभा क्षेत्र में 2011 की जनगणना के अनुसार, कुल जनसंख्या 5433 थी। जहां पुरुषों की संख्या 52.01% और महिलाओं की संख्या 47.99% थी। इस क्षेत्र में हिंदुओं की आबादी 83.01% है, वहीं, मुस्लिम आबादी 16.38% है, जबकि अन्य धर्म के लोगों की संख्या 0.61% है।
चुनावी मैदान में 4 प्रत्याशी
बसोहली विधानसभा सीट में 4 प्रत्याशियों के बीच जोरदार टक्कर है। इस सीट पर कोई निर्दलीय उम्मीदवार नहीं खड़ा है। यहां जम्मू-कश्मीर पिपुल डेमोक्रेटिक पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी हुई है।
प्रत्याशी नाम | पार्टी |
दर्शन कुमार | भारतीय जनता पार्टी |
पंकज कुमार | बहुजन समाज पार्टी |
चौधरी लाल सिंह | कांग्रेस |
योगिंदर सिंह | जम्मू-कश्मीर पिपुल डेमोक्रेटिक पार्टी |
2014 विधानसभा के परिणाम
इस विधानसभा सीट पर साल 2014 के चुनाव में भाजपा से चौधरी लाल सिंह को जीत मिली थी। जिन्हें 29808 वोट मिले थे। यहीं, चौधरी लाल सिंह इस बार का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे हैं। दूसरे नंबर पर इस सीट से जेकेएन के दविंदर सिंह थे। जिन्हें 13,770 वोट हासिल हुए थे। वहीं, कांग्रेस के जगदीश राज सपोलिया 8,809 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे।
2008 विधानसभा के परिणाम
इस सीट पर उससे पहले अगर साल 2008 के परिणामों पर नजर डालें तो उस वक्त भाजपा के प्रत्याशी जगदीश राज सपोलिया को जीत मिली थी। जिन्हें 16,651 वोट हासिल हुए थे। इसके बाद साल 2014 में जगदीश राज सपोलिया ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और वे भाजपा प्रत्याशी चौधरी लाल सिंह से हार गए थे। वहीं, इस सीट पर जेकेएनसी के दविंदर सिंह ने जगदीश राज सपोलिया को कड़ी टक्कर दिया था और उन्हें उस वक्त 13,770 वोट मिले थे। जबकि, कांग्रेस की कांता अंदोत्रा को 13,678 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहीं थी।