Jammu Kashmir Assembly Elections: चुनाव आयोग आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का ऐलान किया है। जम्मू कश्मीर में 10 साल पहले 2014 में विधानसभा के चुनाव हुए थे। फिर 2019 में धारा 370 हटाया गया और विधानसभा भंग कर दी गई थी। धारा 370 हटने के करीब पांच साल बाद अब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का माहौल बन रहा है। करीब 10 बाद होनेवाले विधानसभा कई मायनों में इस प्रदेश के लिए खास होगा। क्योंकि 2014 में जब विधानसभा चुनाव हुआ था तब से लेकर अब तक कई चीजें बदल चुकी हैं। पहले चुनी हुई सरकार के पास ही पूरी शक्तियां होती थीं लेकिन अब ज्यादातर शक्तियां राज्यपाल के पास होंगी।
10 साल बाद विधानसभा चुनाव
धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे। इससे पहले साल 2014 में आखिरी बार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुआ था। इस चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। पीडीपी बहुमत का आंकड़ा नहीं जुटा पाई थी और फिर बीजेपी के साथ उसे गठबंधन सरकार बनानी पड़ी। पीडीपी को कुल 28 सीटें मिली थीं जबकि बीजेपी को 25, वहीं कांग्रेस को 12, नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15, जेकेपीसी को 2, सीपीआईएम-1, पीडीएफ-01 और निर्दलीय के खाते में तीन सीटें गई थीं।
परिसीमन से बदली तस्वीर
परिसीमन के बाद विधानसभा सीटों की तस्वीर बदल गई है। मई 2022 में जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के बाद अब विधानसभा सीटों की संख्या 90 हो गई है। जम्मू में विधानसभा की 43 और कश्मीर घाटी में 47 सीटें हैं। इससे पहले 2014 में विधानसभा की 87 सीटों पर चुनाव हुए थे। उस वक्त जम्मू की 37, कश्मीर घाटी की 46 और लद्दाख की 6 सीटों पर चुनाव कराए गए थे।
जम्मू क्षेत्र में सांबा, राजौरी, कठुआ, डोडा, किश्तवाड़ और उधमपुर में एक-एक सीट बढ़ाई गई है। कश्मीर क्षेत्र में कुपवाड़ा में एक सीट बढ़ाई गई है। जम्मू के सांबा में रामगढ़, कठुआ में जसरोता, राजौरी में थन्नामंडी, किश्तवाड़ में पड्डेर-नागसेनी, डोडा में डोडा पश्चिम और उधमपुर में रामनगर नई सीट जोड़ी गई है।
राज्यपाल के पास ज्यादा शक्तियां
5 अगस्त 2019 को धारा 370 खत्म होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख। दोनों ही केंद्र शासित प्रदेश है। पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर पर उपराज्यपाल का अधिकार होगा जबकि बाकी सभी मामलों पर चुनी हुई सरकार फैसला कर सकेगी। हालांकि इसके लिए भी उपराज्यपाल की मंजूरी लेनी जरूरी होगी। आयोग के मुताबिक उत्तरी कश्मीर के जिलों में चुनाव संपन्न कराना बड़ी चुनौती है। यहां के कई इलाके संवेदनशील हैं।
2024 के लोकसभा चुनाव में बंपर वोटिंग
2024 के लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में बंपर वोटिंग हुई थी। कुल वोट प्रतिशत 65.52 प्रतिशत रहा था। बीजेपी को 23 प्रतिशत, पीडीपी को 22.7 प्रतिशत, नेशनल कॉन्फ्रेंस को 20.8 प्रतिशत, कांग्रेस को 18 प्रतिशत और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को 1.9 प्रतिशत और सीपीआईएम को 0.5 प्रतिशत वोट मिले थे।