राजौरी: पिछले कई दिनों देश के अलग-अलग हिस्सों में भूकंप आने का सिलसिला जारी है। हालांकि इनकी तीव्रता ज्यादा नहीं होती है, लेकिन इनकी संख्या से लोगों के मन में डर बैठा हुआ है। फरवरी महीने में तुर्किये में आया भूकंप और वहां मची तबाही सिहरन पैदा कर देती है। इसी बीच जम्मू-कश्मीर के राजौरी में रात 3:49 पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 दर्ज की गई। हालांकि इससे अभी किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
वहीं इससे पहले 5 अगस्त को भी जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जानकारी के अनुसार, उस दौरान रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.7 मापी गई थी और इसका केंद्र पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा इलाके में था। हालांकि इस दौरान भी किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ था।
प्लेट्स के टकराने से आता है भूकंप
यह धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, जिन्हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टल और क्रस्ट कहा जाता है। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं। ये प्लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। ऐसे में ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।
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