नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने 2020 अमशीपोरा फर्जी मुठभेड़ मामले में भूमिका के लिए दोषी ठहराए गए सेना के एक कैप्टन को जमानत दिए जाने पर केंद्र सरकार को जमकर घरेा। अब्दुल्ला ने इस मामले पर एक सवाल के जवाब में मीडिया से कहा, ‘‘मैं केंद्र से अपील करना चाहता हूं कि वह यहां लोगों से ना खेले। यहां लोगों को यह मत महसूस कराइए कि हमारा खून इतना सस्ता है कि हत्या के दोषी पाए गए व्यक्ति को इतनी आसानी से जमानत दे दी जाती है।’’
"योजनाबद्ध" मुठभेड़ में तीन लोगों की हत्या के दोषी हैं कैप्टन
दरअसल, दिल्ली सशस्त्र बल न्यायाधिकरण ने दक्षिण कश्मीर के अमशीपोरा गांव में जुलाई 2020 में हुई "योजनाबद्ध" मुठभेड़ में तीन लोगों की हत्या के दोषी पाए गए सेना के कैप्टन भूपेन्द्र सिंह की उम्रकैद की सजा निलंबित कर दी। न्यायाधिकरण ने कैप्टन सिंह को सशर्त जमानत भी दे दी और उन्हें अगले साल जनवरी से नियमित अंतराल पर प्रधान रजिस्ट्रार के सामने पेश होने का निर्देश दिया। इसी मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कुलगाम में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मामूली आरोपों के तहत गिरफ्तार लेागों को सालों तक जमानत नहीं मिल पाती। वहीं दूसरी ओर फर्जी मुठभेड़ मामले में किसी दीवानी अदालत द्वारा नहीं, अपितु सेना के कोर्ट-मार्शल द्वारा हत्या के दोषी ठहराए गए सेना के अधिकारी को जमानत मिल गई।’’
बिजली आपूर्ति को लेकर उठाया सवाल
वहीं इस दौरान नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने में ‘‘देरी’’ को लेकर कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट जब अनुच्छेद 370 संबंधी याचिकाओं पर फैसला सुनाएगी, उसी समय वह चुनावों को लेकर भी निर्णय देगी। उन्होंने कश्मीर में बिजली आपूर्ति की स्थिति को लेकर चिंता जताते हुए दावा किया कि लोगों को अप्रत्याशित बिजली कटौती झेलनी पड़ रही है। अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हमसे चुनाव कराने के नाम पर, बेरोजगारी समाप्त करने के नाम पर, विकास के नाम पर और बिजली के नाम पर धोखा हो रहा है। विद्युत आपूर्ति प्रणाली सुचारू नहीं होने का कारण क्या है?’’
उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हमारे कार्यकाल में स्थिति इतनी खराब नहीं थी। आज वे कहते हैं कि उनके पास पर्याप्त निधि हैं। तो फिर वे बिजली का प्रबंध क्यों नहीं करते? लोगों को 12 घंटे की बिजली कटौती क्यों झेलनी पड़ रही है?’’
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