25 सितंबर को श्रीनगर बडगाम और गंधर्बल में दूसरे चरण के होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार जोर शोर से जारी है। हर छोटा-बड़ा नेता बड़ी-बड़ी रैलियां को छोड़ कर डोर टू डोर प्रचार करता नजर आ रहा है। अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने आज चानपोरा गुलजारपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र का दौरा किया। डोर टू डोर कैंपेन के दौरान जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बात करते हुए कहा, लोकसभा चुनाव में अनंतनग राजौरी सीट से बीजेपी का समर्थन लेना बहुत बड़ी गलती थी।
'बीजेपी कश्मीर में एक्सेप्टेबल नहीं'
अल्ताफ ने आगे कहा कि उन्हें इस गलती से बहुत कुछ सीखने को मिला। अल्ताफ बुखारी ने यह भी दावा किया कि बीजेपी कश्मीर में एक्सेप्टेबल नहीं है और इन चुनाव में न हम किसी को समर्थन देंगे और न किसी का समर्थन हासिल करेंगे। अल्ताफ बुखारी ने कहा, 10 साल बाद यह चुनाव हो रहे हैं। 7 साल बाद फिर से लोकतंत्र बहाल होने जा रहा है और इन सालों में हमें पिंजरे में बंद करके रखा गया था। इसलिए लोगों के बीच जो दूरियां है उसे हम घर-घर जाकर दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। आगे कहा अगर वह चुनाव जीतते हैं तो सबसे पहले उनका काम जेल में बंद सभी लोगों को एमनेस्टी दिलाना होगा।
'इनकी वजह से आर्टिकल 370 खत्म'
अल्ताफ बुखारी ने पीडीपी व नेशनल कांफ्रेंस पर निशाना साधते हुए कहा, इन पार्टियों की वजह से ही आर्टिकल 370 खत्म हुआ है। इन लोगों ने आर्टिकल 370 को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करके इसे खत्म करने की मोहर लगा दी क्योंकि यह एक पॉलिटिकल लड़ाई थी। इसे लोगों के बीच जाकर लड़ना था न कि कोर्ट में ले जाकर। अल्ताफ बुखारी ने कहा, 370 हटाए जाने के बाद हिंदुस्तान का कोई भी शहरी यहां जमीन खरीद सकता था, लेकिन मैं और मेरी पार्टी ने अपनी इज्जत दांव पर लगा कर दिल्ली के साथ नेगोशिएट करके उसी सरकार से जिसेने 370 को खत्म किया था, उनसे ही ऑर्डर पास करवा के लोगों के मर्जी के बिना कोई जमीन न खरीदी जाएगी न कोई नौकरी कर सकता है।
बीजेपी का समर्थन देना बड़ी गलती
अल्ताफ बुखारी ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन देना पार्टी के लिए सबसे बड़ी गलती थी। उसे हमने बहुत कुछ सीखने को मिला है। लेकिन विधानसभा के चुनाव में हमारी पार्टी किसी के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी न हम किसी को सपोर्ट देंगे।
कौन है अल्ताफ बुखारी?
बता दें कि अल्ताफ बुखारी जम्मू कश्मीर के बड़े नेता माने जाते हैं, ये पीडीपी और बीजेपी की सरकार में कई पदों पर मंत्री रहे हैं, लेकिन आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद बुखारी ने पीडीपी का दामन छोड़ दिया और अपनी पार्टी का गठन किया और पीडीपी के कई बड़े नेता अल्ताफ बुखारी के साथ शामिल हुए। पर लोकसभा चुनाव में मिली हार और बीजेपी का समर्थन हासिल करने की वजह से पार्टी के सभी बड़े नेता अल्ताफ बुखारी को छोड़कर चले गए। यही कारण है कि अल्ताफ बुखारी अब खुद डोर टू डोर चुनाव प्रचार करके लोगों का समर्थन हासिल करने कोशिश कर रहे हैं।
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