माता वैष्णो देवी की यात्रा को सुगम बनाने के लिए कटरा से माता के भवन तक प्रस्तावित रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। तीर्थयात्रियों के बेस कैंप कटरा में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा बनाए जा रहे रोपवे के विरोध में पोनीवालों, दुकानदारों और अन्य मालिकों द्वारा 72 घंटे का बंद बुधवार से शुरू होगा। इस दौरान भवन मार्ग पर घोड़ा, पिट्ठू तथा पालकी आदि के रूप में कार्य करने वाले मजदूरों के अलावा स्थानीय व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। कटरा में प्राइवेट गाड़ियां भी नहीं चलेंगी।
रोपवे के खिलाफ विरोध के स्वर और तेज
तीन दिन संघर्ष समिति से जुड़े व्यापारी और कामगार धरना-प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद करेंगे। श्री माता वैष्णोदेवी संघर्ष समिति ने मंगलवार को हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि बंद के दौरान कटरा में सभी गतिविधियां निलंबित रहेंगी। समिति के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने रोपवे परियोजना के खिलाफ कल से कटरा में 72 घंटे के बंद की घोषणा की है। हम हड़ताल को सफल बनाने के लिए कटरा के सभी निवासियों का समर्थन चाहते हैं।’’
दुकानदारों और मजदूरों की क्या है मांग?
प्रदर्शनकारी दुकानदार और मजदूर मांग कर रहे हैं कि रोपवे प्रोजेक्ट को बंद किया जाए या इससे प्रभावित होने वाले सभी लोगों को मुआवजा दिया जाए। उन्हें अपनी आजीविका के नुकसान का डर है। विरोध कर रहे लोगों का दावा है कि रोपवे कटरा के बाजार को बायपास कर देगा, जिससे तीर्थयात्रियों के आवागमन पर निर्भर हजारों दुकानदारों पर असर पड़ सकता है।
बता दें कि ताराकोट रूट से सांझी छत के बीच 12 किलोमीटर के ट्रैक पर 250 करोड़ रुपये की यात्री रोपवे परियोजना प्रस्तावित है।
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