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Yogi Oath ceremony: लगातार दूसरी बार सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने वाले योगी ने तोड़ डाले ये 3 मिथक

 योगी आदित्यनाथ ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है। इसके साथ ही वर्षों से चले आ रहे 3 बड़े मिथक भी टूट गए हैं। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 25, 2022 13:35 IST
Yogi Adityanath- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Yogi Adityanath

Yogi Oath ceremony: योगी आदित्यनाथ ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है। इसके साथ ही वर्षों से चले आ रहे 3 बड़े मिथक भी टूट गए हैं। इससे पहले की कई सीएम इन मिथकों के डर के आगे नतमस्तक हुए, बुलडोजर बाबा के नाम से मशहूर योगी आदित्यनाथ ने इन तीनों मिथकों को तोड़ डाला और स्पष्ट बहुमत के बाद दोगुने जोश और उत्साह के साथ चुनाव जीते। जानिए ये 3 मिथक कौनसे हैं?

1. उत्तर प्रदेश में कई सालों बाद एक मिथक भी टूटा है। कि दोबारा सरकार में आना बड़ी मुश्किल होती है, लेकिन योगी आदित्यनाथ इस मिथक को तोड़ दिया। न सिर्फ सरकार बनाई बल्कि दूसरी बार बड़ी जीत के साथ आए हैं। दरअसल, यूपी में कोई पार्टी दोबारा सत्ता में नहीं आई। उन्होंने हालिया चुनाव से पहले कई चर्चाओं में कहा कि मैं लगातार दूसरी बार किसी के भी सीएम न बन पाने के रिकॉर्ड को तोड़ दूंगा। हुआ भी कुछ ऐसा ही। UP में भाजपा की पूर्ण बहुमत की दोबारा सरकार बनी। 

37 साल बाद टूटा यह मिथक

लगातार दूसरी बार सीएम बनने का यह मिथक 37 साल बाद टूटा। इसके पहले 1980 और 1985 में कांग्रेस ने लगातार दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार UP में बनी थी। योगी ने सिर्फ यही रिकॉर्ड नहीं तोड़ा बल्कि UP में कई दशकों से बने सियासी मिथकों को भी बुलडोजर से रौंद दिया।

2. UP की सियासत में पिछले तीन दशक से एक मिथक बना हुआ है। कहा जाता है कि जो भी मुख्यमंत्री नोएडा जाता है, उसकी कुर्सी चली जाती है। नोएडा को लेकर मिथक 1988 से बना हुआ है। तब पहली बार तब के CM वीर बहादुर सिंह नोएडा आए थे और अगला चुनाव हार गए। उनके बाद नारायण दत्‍त तिवारी CM बने और 1989 में नोएडा आए। इसके कुछ समय बाद उनकी कुर्सी चली गई। इसके बाद कल्याण सिंह और मुलायम सिंह यादव के साथ भी ऐसा ही हुआ कि वे नोएडा आए और हाथ से CM पद चला गया। 2011 में मायावती भी नोएडा गईं और अगले चुनाव में उनकी सरकार चली गई। सियासी गलियारों में चर्चा है कि इसी कारण से CM रहते हुए अखिलेश यादव नोएडा नहीं गए।

3. अब तक यूपी में एक्सप्रेस वे की कहानी कुछ यही थी, लेकिन योगी ने इस मिथक को भी तोड़ डाला। यूपी में एक्सप्रेस वे के अंधविश्वास की शुरुआत हुई ग्रेटर नोएडा-आगरा को जोड़ने वाले यमुना एक्सप्रेस वे से, जिसकी नींव फरवरी 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने रखी थी। लेकिन जो एक्सप्रेस वे मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट था, वो उसका उद्घाटन तक नहीं कर सकीं। 9 अगस्त 2012 को अखिलेश ने यमुना एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। 2012 में अखिलेश मुख्यमंत्री बने तो लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे बनने की शुरुआत हुई और 2016 में अखिलेश ने इसका उद्घाटन किया, लेकिन 2017 में उनकी सरकार भी चली गई।

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