लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगर निकाय चुनावों में OBC आरक्षण पर मंगलवार को आए इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर बड़ा बयान दिया है। सीएम योगी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार आयोग गठित करके ट्रिपल टेस्ट के आधार पर OBC आरक्षण के साथ ही नगर निकाय चुनाव करवाएगी। उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो सरकार कानूनी पहलुओं पर विचार करके इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी जाएगी। बता दें कि नगर निकाय चुनावों में OBC आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट के फैसले पर सूबे में सियासी उबाल आ गया है।
क्या है इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला?
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार के नगर निकाय चुनाव संबंधी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को रद्द करते हुए राज्य में नगर निकाय चुनाव बिना OBC आरक्षण के कराने का आदेश दिया। जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सौरभ लवानिया की बेंच के इस फैसले से राज्य में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है। बेंच ने उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में OBC आरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा 5 दिसंबर को तैयार संबंधी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को रद्द करते हुए निकाय चुनाव को बिना आरक्षण के कराने के आदेश दिए हैं।
सरकार के फैसले पर आई योगी की प्रतिक्रिया
हाई कोर्ट का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक ‘ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले’ के बिना सरकार द्वारा तैयार किए गए OBC आरक्षण के मसौदे को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर आया। अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि इस मामले में आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी और इसके बाद ही नगर निकाय सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि जरूरी हुआ तो उच्चतम न्यायालय में भी सरकार अपील करेगी।
विपक्ष ने मौका मिलते ही सरकार पर बोला हमला
मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इसे पिछड़ों के हक पर कुठाराघात बताते हुए कहा है कि बीजेपी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि 'यूपी सरकार को माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पूरी निष्ठा व ईमानदारी से अनुपालन करते हुए ट्रिपल टेस्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था को समय से निर्धारित करके चुनाव की प्रक्रिया को अन्तिम रूप दिया जाना था, जो सही से नहीं हुआ। इस गलती की सजा ओबीसी समाज बीजेपी को जरूर देगा।'