वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज केंद्र के 'वॉटरवे प्रोजेक्ट' के तहत गंगा नदी में चलने वाले दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज 'गंगा विलास' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये क्रूज आज से काशी से डिब्रूगढ़ तक का सफर शुरू करेगा। पहले सफर में स्विट्जरलैंड के 32 मुसाफिर हैं जो 51 दिनों का सफर करके काशी से डिब्रूगढ़ तक पहुंचेंगे। इस इंटरनेश्ल क्रूज के रूट में भारत के साथ-साथ बांग्लादेश के शहर भी पड़ेंगे। 3200 किलोमीटर की पहली यात्रा पर रवाना हो रहा ये क्रूज 62 मीटर लंबा है और 51 दिन के टूर के लिए इस पर 12 लाख रुपये का खर्चा आएगा।
इस सुपर लग्ज़री क्रूज से गंगा में टूरिज्म का नया अध्याय शुरू होगा। हजारों सालों से काशी के घाटों पर करोड़ों लोगों का उद्धार कर नया जीवन देने वाली गंगा आज से मानो एक पूरे शहर को अपनी लहरों के साथ अठखेलियां करने का अवसर दे रही हो। 'MV गंगा विलास' क्रूज दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज है जिसके अंदर 'फाइव स्टार होटल' जैसी सुविधाएं हैं।
'गंगा विलास' का सफर
- पहले सफर पर 32 विदेशी सैलानी
- 51 दिन में 3200 किलोमीटर का सफर
- 50 टूरिस्ट स्पॉट्स को कवर करेगा क्रूज
- 27 नदी प्रोजेक्ट से गुजरेगा 'गंगा विलास'
- वर्ल्ड हेरिटेज साइट पर क्रूज का ठहराव
- काजीरंगा नेशनल पार्क देखने को मिलेगा
- सुंदरबन डेल्टा का मज़ा ले सकेंगे सैलानी
गंगा विलास पर मौजूद सुविधाएं ऐसी हैं जिन्हें देखकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। बेडरूम से बाथरूम तक, लाउंज से डायनिंग हॉल तक, स्पा-सैलून, जिमनैजियम सब कुछ इस क्रूज़ के अंदर है। आज पीएम मोदी ने इसे वर्चुअली हरी झंडी दिखाई जिसके बाद गंगा विलास क्रूज 3200 किलोमीटर की पहली यात्रा पर रवाना हो गया है। 51 दिन में ये क्रूज़ वाराणसी से ढाका होते हुए डिब्रूगढ़ तक की सफर पूरा करेगा। वाराणसी से सबसे पहले ये क्रूज़ बक्सर पहुंचेगा। वहां से पटना फिर कोलकाता, ढाका होते हुए फिर इंडिया में एंट्री करके धुबरी जाएगा। डिब्रूगढ़ इस क्रूज का आखिरी पड़ाव होगा।
गंगा विलास में तीन डेक और 18 सुइट्स हैं जिसमें 36 पर्यटकों को ले जाने की क्षमता है। क्रूज के सभी सुईट्स अल्ट्रा मॉडर्न फैसिलिटी से लैस हैं। गंगा विलास के लाउंज में करीब 20-22 लोगों के एक साथ बैठने के लिए सोफे लगे हैं। साथ में बुक्स हैं। लाउंज की वॉल को पोस्टर से सजाया गया है। डायनिंग एरिया काफी बड़ा है, क्रूज पर मौजूद सभी पर्यटक एक साथ यहां लंच या डिनर का मजा ले सकते हैं।
यहां स्पा, सॉवना, स्टीम बाथ, आयुर्वेदिक मसाज की सुविधा है। मॉडर्न इक्यूपमेंट से लैस बड़ा सा जिमनैजियम है। अंतरा लक्ज़री रिवर क्रूज़ की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक गंगा विलास 62 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा है, 36 पर्यटकों को एक साथ यात्रा कराने की कैपेसिटी है। 3 डेक और बोर्ड पर 18 सुइट हैं। मेन डेक पर 40 सीटों वाले रेस्तरां में कॉन्टिनेंटल और कुछ बुफे काउंटर भी लगाए गए हैं। यह क्रूज पॉल्यूशन फ्री है। क्रूज की यात्रा में रहने से लेकर खाने तक के सारे खर्च जुड़े हैं। दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज पर एक दिन का खर्च करीब 25 हजार रुपये है। भारतीयों और विदेशियों के लिए टिकट की कीमत में कोई अंतर नहीं रखा गया है। पूरी 51 दिनों की यात्रा पर आपको करीब साढ़े 12 लाख रुपये खर्च करने होंगे।
'गंगा विलास' की खासियत
- क्रूज गंगा विलास पर अल्ट्रा मॉडर्न फैसिलिटी
- गंगा विलास क्रूज पर 18 लक्जरी सुइट्स
- गंगा विलास क्रूज पर स्पा-सैलून की सुविधा
- क्रूज पर सनबाथ, स्विमिंग पूल की फैसिलिटी
- बड़ा डायनिंग हॉल, लाउंज की सुविधा
- मेन्यू में कई तरह के खाने का इंतज़ाम
- गंगा विलास क्रूज में लाइब्रेरी, जिम भी है
क्रूज के लोकार्पण से पहले काशी में सिम्फनी ऑफ़ गंगा कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। शंकर महादेवन के सुरों से सजी महफिल में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में स्विट्जरलैंड के वो 32 पर्यटक भी शामिल हैं जो गंगा विलास की पहली यात्रा में बनारस से डिब्रूगढ़ तक जाएंगे। गणेश वंदना से शुरू हुए इस कार्यक्रम में भोले नाथ के भजन पर सभी यात्री झूम उठे।