Highlights
- बुरे फंसे वृन्दावन के कथावाचक अनिरुद्धाचार्य
- हिन्दू देवियों के खिलाफ बयान के मामले में FIR
- राष्ट्रीय महिला आयोग ने गिरफ्तार करने को कहा
मथुरा जिले में वृन्दावन के कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज की है। अनिरुद्धाचार्य पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर हिन्दू देवियों के खिलाफ वक्तव्य देने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है। खबर है कि राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान को नाटिस जारी करके मामले में आरोपी को गिरफ्तार करने को कहा है।
हिंदू देवियों को लेकर विवादित बयान दिया
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कथावाचक अनिरुद्धाचार्य वृन्दावन में भागवत कथा के दौरान माता सीता और द्रौपदी सहित महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं। अनिरुद्धाचार्य की इस कथा का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अनेक संगठनों और लोगों ने इसपर आपत्ति जताते हुए पुलिस से उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। इस संबंध में मंगलवार देर रात वृंदावन थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। इस वीडियो को हिंदी के मशहूर कवि कुमार विश्वास ने भी साझा किया है।
भाजपा और हिंदू महासभा ने की शिकायत
वृंदावन कोतवाली के इंस्पेक्टर सूरज प्रकाश शर्मा ने बताया, ‘‘अनिरुद्धाचार्य नाम के एक व्यक्ति ने कथित तौर पर अपने संबोधन में द्रौपदी और देवी सीता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वृंदावन में भाजपा के सदस्य पवन शर्मा और अखिल भारत हिंदू महासभा के कुछ सदस्यों की शिकायत पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है।’’ पुलिस अधीक्षक नगर मार्तण्ड प्रकाश सिंह ने प्राथमिकी दर्ज किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस कानून के मुताबिक कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने की गिरफ्तारी की मांग
इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक चौहान को नाटिस जारी किया है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने नोटिस में कहा है कि पुलिस इस मामले में आरोपी कथावाचक के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धारा 509 (किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय से कोई शब्द कहना) के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे 'प्राथमिकता' के आधार पर गिरफ्तार करे। वहीं, आरोपी कथावाचक ने अपनी टिप्पणी पर खेद जताया है। एक बयान में अनिरुद्धाचार्य ने कहा है, ‘‘मैंने जो कहा उसके लिए मुझे बेहद खेद है। मेरा इरादा देवी के प्रति अनादर का नहीं था और न ही लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का था।’’