Highlights
- 3,59,500 रुपये मूल्य के जाली नोट बरामद
- पूरे गिरोह की छानबीन में जुटी पुलिस
- तीनों बाइक से बरेली से दिल्ली की ओर जा रहे थे
Uttar Pradesh: बरेली जिले में पुलिस ने दिल्ली जा रही एक महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 3,59,500 रुपये मूल्य के जाली नोट बरामद किए हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
तीनों बाइक पर थे सवार
बरेली के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राजकुमार अग्रवाल ने शुक्रवार सुबह बताया, ‘‘जिले के फतेहगंज पश्चिमी थाने की पुलिस ने गुरुवार को जांच के दौरान पीलीभीत जिले के दयूरिया कला क्षेत्र की शीवा और शोएब तथा अलीगंज (बरेली) के ढकिया गांव के पुष्पेंद्र सिंह को रोका। तीनों बाइक से बरेली से दिल्ली की ओर जा रहे थे। पुलिस की तलाशी में उनके पास बैग में रखे 500-500 रुपये के 719 नोट (3,59,500 रुपये) मिले, जो जांच में जाली पाए गये हैं।’’
पूरे गिरोह की छानबीन में जुटी पुलिस
अग्रवाल ने कहा कि पूछताछ में पुष्पेंद्र ने बताया कि वह पांच साल से जाली नोटों का काम कर रहा है और धर्मेंद्र उसे नेपाल से जाली नोट लाकर मुहैया कराता है। उन्होंने बताया कि लंबी पूछताछ के बाद आरोपियों के खिलाफ थाना फतेहगंज पश्चिमी में गुरुवार देर रात संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और इस पूरे गिरोह की छानबीन की जा रही है।
कुछ महीने पहले जाली नोट मामले में पकड़ा गया था एक सिपाही
कुछ महीने पहले तालकटोरा पुलिस और डीसीपी पश्चिमी की सर्विलांस टीम ने मिलकर शहर में काफी समय से जाली नोट का गोरखधंधा कर रहे पांच लोगों को पकड़ा था। आरोपितों ने जीआरपी का एक सिपाही भी शामिल था। आरोपित अलग-अलग जगहों पर किराए का मकान लेकर चोरी छुपे जाली नोट बनाने का काम करते थे। पकड़े गए आरोपित जाली नोट बनाने के 85GSL मोटाई वाला A4 पेपर का प्रयोग करते थे। आम आदमी के लिए बरामद जाली नोट और असली नोट में फर्क कर पाना मुश्किल का काम है।
डीसीपी पश्चिमी ने बताया था कि जाली नोट के धंधे के मामले में जीआरपी के सिपाही प्रतापगढ़ निवासी राहुल सरोज, ठाकुरगंज निवासी सलमान, बिहार निवासी मुबश्शिर, हसनगंज निवासी अरबाज और ठाकुरगंज निवासी शावेज को गिरफ्तार किया गया, जबकि ट्रेवेल एजेंसी संचालक जमील, कादिर और युसूफ नाम के तीन लोग अभी फरार हैं। जमील का एसबीटी ट्रेवल्स के नाम से एजेंसी थी। चारबाग से उसकी बस चलती थी। वहीं से उसने जाली नोट का काम शुरू किया। उस वक्त जमील छोटे पैमाने पर जाली नोट का धंधा करता था।