Friday, November 22, 2024
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Uttar Pradesh: 7 महीने बाद भी देश नहीं लौटा युवक का शव, परिजन कर रहे अंतिम संस्कार के लिए मांग

UP: शाहजहांपुर जिले के एक युवक की जेद्दा में मौत हो गई थी और मौत के सात माह बाद भी उसके शव को भारत नहीं लाया जा सका। मृतक के भाई आफताब आलम ने बताया कि इस सूचना पर पांच दिन के अंदर कागजी कार्यवाही पूरी करते हुए इस आशय की सहमति जेद्दा भेज दी गई कि वह अंतिम संस्कार अपने देश भारत में ही करना चाहते हैं।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Updated on: October 16, 2022 14:47 IST
The dead body of a young man from Shahjahanpur could not be brought to India after seven months of d- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE The dead body of a young man from Shahjahanpur could not be brought to India after seven months of death.

Highlights

  • परिजनों की पूरी मदद कर रहे हैं- एसपी
  • जेद्दा में नौकरी करने के लिए 2013 में गया था शख्स

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले से नौकरी करने जेद्दा गए एक युवक की वहीं मौत हो गई और मौत के सात माह बाद भी उसके शव को भारत नहीं लाया जा सका। परिजन उसका शव अपने देश में लाकर उसका अंतिम संस्कार करना चाहते हैं, लेकिन मृतक युवक की पत्नी ने जेद्दा में ही अंतिम संस्कार करने की अनुमति दे दी है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) एस आनंद ने बताया कि मोहम्मद आलम (35) नौकरी करने जेद्दा गए थे और उनके परिजन यहां रहते हैं। उन्होंने बताया कि सात महीने पहले आलम की मौत हो गई।

देश लाया जाए शव- परिजन

उन्होंने बताया कि जैसे ही मामला उनके संज्ञान में आया उन्होंने मृतक के परिजनों को ढूंढ कर उन्हें दूतावास द्वारा भेजी गई सूचना और सहमति पत्र के बारे में भी बता दिया जिसके बाद मृतक की मां और भाई ने इसको लेकर सहमति दे दी कि वे चाहते हैं कि उनके भाई का शव यहां भारत लाया जाए। उन्होंने बताया कि वहीं मृतक की पत्नी फरहीन ने जेद्दा में रह रहे अपने किसी परिचित को अधिकृत पत्र भेज दिया है कि वह उसके पति का अंतिम संस्कार जेद्दा में ही कर दे। 

परिजनों की पूरी मदद कर रहे हैं- एसपी

उन्होंने बताया कि मृतक की पत्नी द्वारा भेजे गए अधिकृत पत्र में यह कहा गया है कि वह दूतावास को बताकर शव प्राप्त कर सकते हैं और वहीं पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाए क्योंकि काफी समय से उनके पति का शव वहीं के एक मेडिकल सेंटर में रखा हुआ है। आनंद ने बताया कि मृतक के परिवार की भावनाएं और इच्छा के तहत ही वह मृतक के परिजनों की पूरी मदद कर रहे हैं और उन्हें सारी स्थिति से अवगत भी करा दिया गया है।

जेद्दा में नौकरी करने के लिए 2013 में गया था शख्स

शहर के थाना कोतवाली अंतर्गत मोहम्मद शाह मोहल्ले में रहने वाले आफताब आलम ने मीडिया को बताया कि उनका भाई मोहम्मद आलम जेद्दा में नौकरी करने के लिए 2013 में गया था और इस दौरान वह समय-समय पर अपने घर शाहजहांपुर आता रहा लेकिन कोविड-19 के बाद जब वह गया तो इसी वर्ष 30 मार्च को उसकी वहीं मौत हो गई। आफताब ने बताया कि इसकी सूचना उन्हें 24 अगस्त को मिली।

उन्होंने बताया कि भारतीय दूतावास के माध्यम से उन्हें सूचना मिली जिसमें यह पूछा गया था कि वह अपने भाई के शव को भारत लाना चाहता हैं अथवा अपने किसी परिचित या रिश्तेदार के माध्यम से जेद्दा में ही उसका अंतिम संस्कार कराना चाहते हैं।

85 साल की बूढ़ी मां ने की मांग

आफताब ने बताया कि सात माह के दौरान उनकी 85 साल की बूढ़ी मां मरियम बेगम की रोते-रोते आंखें पथरा गयी हैं और उन्हें अब आंखों से कम दिखाई देने लगा है। उन्‍होंने कहा कि इस दौरान उनके यहां ईद, बारावफात सहित कोई त्यौहार भी नहीं मनाया गया। उन्‍होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि मेरे भाई का शव यहां लाया जाए और हम लोग उसका अंतिम संस्कार अपने देश भारत में ही करें।'' 

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