उत्तर प्रदेश के संभल जिले के लोहावई गांव में एक ऐसी शादी हुई है, जिससे लेकर पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। हर कोई इस शादी के बारे में बात कर रहा है। शादी में लगभग 60 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल हुए थे। गांव वाले दावा कर रहे हैं कि ऐसी शादी पहले हमारे यहां पर नहीं हुई थी। जानकारी के मुताबिक, लोहावई गांव में पहली बार दलित दूल्हा घोड़ी चढ़कर अपने दुल्हन को लाने के लिए गया था।
घोड़ी चढ़ने के लिए सोच नहीं सकता
ये सुनकर तोड़ी हैरानी हुई होगी। ऐसे समय में भी किसी को शादी में घोड़ी पर चढ़ने के लिए इतना सोचना पड़ रहा है। दूल्हन के पिता ने आरोप लगाया था कि गांव के ही सवर्ण जाति के लोग शादी में बेटा या बेटी को घोड़ी नहीं चढ़ने नहीं देते हैं। इससे लेकर लोहावई गांव के राजू एसपी के सामने गुहार लगाया था। इसके लिए पिता ने एसपी के समक्ष जाकर अपनी परेशानी को बताया था। वहीं राजू वाल्मिकी ने एक फरियाद भी लिखा। उन्होंने अपने फरियाद में बताया कि गांव में जब किसी दलित परिवार की शादी होती है तो कोई भी घोड़ी पर चढ़ने के लिए कोशिश नहीं करता है। उन्होंने आगे लिखा कि उसकी बेटी रवीना की बारात बदायूं जनपद से आ रही है और मैं चाहता हूं कि बारात गांव में घोड़े-बाजे के साथ प्रवेश करे।
एसपी कहा धन्यवाद
जानकारी के मुताबिक, लोहावई गांव एक सवर्ण बाहुल्य वाला इलाका है। पिता का आरोप था कि ऊंची जाति के लोग कभी दलित परिवार की शादी को धूमधाम से होने नहीं देते हैं। इसके बाद क्या होना था। पिता की गुहार एसपी चक्रेश मिश्र ने सुन ली फिर शादी में पुलिसकर्मी को भेज दिया। वहीं गांव में चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी। इस शादी के बाद दलित परिवार ने एसपी को धन्यवाद कहा है।