Highlights
- विधानसभा चुनाव 2022 में दोनों दलों ने साथ लड़ा था चुनाव
- महान दल और जनवादी सोशलिस्ट पार्टी पहले ही हो चुके हैं अलग
- इससे पहले राजभर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में विपक्ष की राजनीति रोचक बनी हुई है। चुनाव पूर्व हुए समाजवादी दल और का हर रोज सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) में हर योज जुबानी जंग तेज होती जा रही है। सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी को लेकर हमलावर हैं। उपचुनाव में समाजवादी के प्रत्याशियों की हार के बाद हमलों का जो सिलसिला राजभर एन शुरू किया, वह अभी भी जारी है।
सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सोमवार को कहा कि वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात करके पूछेंगे कि विपक्षी दलों के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के कार्यक्रम में उन्हें क्यों आमंत्रित नहीं किया गया? गौरतलब है कि राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होने हैं। मतदान में सुभासपा की भूमिका को लेकर असमंजस बना हुआ है क्योंकि पार्टी प्रमुख ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। इस बीच बीजेपी से उनकी नजदीकी की अटकलें तेज हो गई हैं और यह भी कयास लग रहे हैं कि राजभर सपा गठबंधन से दूर हो सकते हैं।
अखिलेश से मुलाकात करके पूछूंगा - राजभर
सुभासपा अध्यक्ष ने सोमवार को कहा कि, "वह अखिलेश यादव से मुलाकात करना चाहते हैं जिसके लिए उन्होंने रविवार को सपा नेता उदयवीर सिंह से फोन पर बात की और उन्हें अखिलेश से मुलाकात व बातचीत की अपनी मंशा से अवगत कराया। गौरतलब है कि राष्ट्रपति पद के लिये विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की बृहस्पतिवार को प्रेस कांफ्रेंस हुई थी। सपा ने इस प्रेस कांफ्रेंस में गठबंधन के एक अन्य साथी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख जयंत सिंह को तो बुलाया था, लेकिन सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर इसमें नजर नहीं आए थे। राजभर ने कहा कि वह सपा प्रमुख से मिलकर यह जानना चाहते हैं कि आखिरकार उन्हें विपक्षी दलों के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के कार्यक्रम में क्यों आमंत्रित नहीं किया गया। उन्होंने दावा किया कि वह 12 जुलाई तक अखिलेश के रुख का इंतजार करेंगे और फिर अपने निर्णय की घोषणा करेंगे। उन्होंने NDA की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इंकार किया।
राजभर ने कहा कि चुनाव में अभी समय है। हालांकि उन्होंने मुर्मू को उम्मीदवार बनाए जाने पर प्रसन्नता जताई और कहा कि वह राजनीति में अति दलित व पिछड़े वर्ग की लड़ाई लड़ते हैं । उन्होंने कहा कि डॉक्टर बी.आर. आंबेडकर, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया व पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मंशा थी कि राजनीति में हाशिए पर रहे लोगों को आगे लाया जाए। यह पूछे जाने पर कि क्या वह द्रौपदी मुर्मू की प्रशंसा कर राजग उम्मीदवार का समर्थन नहीं कर रहे, राजभर ने कहा कि जो सही है, वह वही बोल रहे हैं।
योगी की डिनर पार्टी में हुए थे शमिल
गौरतलब है कि NDA की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को यहां NDA के सांसदों और विधायकों से अपने लिए समर्थन मांगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर मुर्मू के सम्मान में डिनर पार्टी रखी थी, जिसमें भाजपा के सहयोगी दलों के नेताओं के अलावा ओमप्रकाश राजभर भी शामिल हुए थे। बाद में राजभर ने दावा किया था कि वह मुर्मू के बुलावे पर गये थे।