Highlights
- 29 अगस्त को लखनऊ पहुंचेगे भाजपा अध्यक्ष
- चारबाग रेलवे स्टेशन पर होगा स्वागत
- वह सबसे पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृतिका जाएंगे
Uttar Pradesh News: भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी 29 अगस्त, सोमवार को लखनऊ पहुंचेगे। प्रदेश महामंत्री सुब्रत पाठक ने एक बयान में कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी दोपहर करीब 12:30 बजे शताब्दी एक्सप्रेस से नई दिल्ली से चलकर लखनऊ पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष के लखनऊ पहुंचने पर पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं द्वारा चारबाग रेलवे स्टेशन पर उनका स्वागत किया जाएगा। चौधरी केकेसी तिराहा स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृतिका जाएंगे जहां वह सनातनी चिंतक की प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित करेंगे। वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाबा साहब डा.भीम राव आम्बेडकर, सरदार पटेल, लोकभवन स्थित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह सहित अन्य लोगों की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद चौधरी पार्टी के राज्य मुख्यालय पहुंचेगे, जहां उनका स्वागत व अभिनंदन किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलाावा पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
जाट समुदाय में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है भाजपा
चौधरी की नियुक्ति को प्रभावशाली जाट समुदाय तक पहुंचने के भाजपा के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जो तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे था। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चौधरी की नियुक्ति महत्व रखती है क्योंकि 2014 से भाजपा को इस क्षेत्र के लोगों का समर्थन मिल रहा है। इसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) और समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन का मुकाबला करने और भाजपा के पक्ष में जाट मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है। पश्चिमी उप्र में 29 लोकसभा सीटें हैं। चौधरी ने स्वतंत्र देव सिंह की जगह ली है, जिन्हें योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री बनाया गया है। चूंकि मुख्यमंत्री पूर्वी उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चौधरी की नियुक्ति के साथ भाजपा भी एक क्षेत्रीय संतुलन बनाना चाहती है।
चौधरी का सियासी सफर
54 वर्षीय चौधरी मुरादाबाद के महेंद्र सिकंदरपुर के एक किसान परिवार में जन्मे हैं। शुरुआती दिनों में वह विश्व हिंदू परिषद (विहिप) में शामिल हुए और 1991 में भाजपा के सदस्य बने। वह कोषाध्यक्ष और मुरादाबाद जिला पार्टी इकाई के जिलाध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर रहे। 1999 में उन्होंने तत्कालीन समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। उन्होंने क्षेत्रीय सचिव का पद संभाला और फिर क्षेत्रीय अध्यक्ष बने और 2017 तक इस पद पर रहे। वह पहली बार 2016 में उच्च सदन में पहुंचे क्योंकि पार्टी ने उन्हें विधान परिषद सदस्य बनाया और फिर पंचायती राज विभाग के मंत्री बने। योगी आदित्यनाथ के दूसरे शासन में, उन्होंने भी वही मंत्रालय संभाला और जून 2022 में विधान परिषद में फिर से प्रवेश किया। मंत्री के रूप में, उनकी उपलब्धियों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत रिकॉर्ड संख्या में शौचालय बनाना और सभी 75 जिलों को खुले में शौच घोषित करना शामिल है।