Uttar Pradesh DGP: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य के डीजीपी मुकुल गोयल को उनके पद से हटा दिया है। अब मुकुल गोयल पुलिस महानिदेशक, नागरिक सुरक्षा, उप्र का पद संभालेंगे। ऐसे में अब नए डीजीपी के नाम की चर्चा तेज हो गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही नए डीजीपी के नाम का ऐलान हो जाएगा, जानिए कौन-कौनसे आईपीएस अफसर नए डीजीपी पद के लिए कतार में हैं।
आरपी सिंह
डीजी ट्रेनिंग के पद पर तैनात वर्ष 1987 बैच के अफसर आरपी सिंह वरिष्ठता के आधार पर पहले स्थान पर हैं। डीजी ईओडब्ल्यू और एसआईटी रहते कई अहम जांचों में ताबड़तोड़ कार्रवाई करके चर्चा मे आये थे। पॉवर कॉरपोरेशन, पीएफ घोटाला, बाइक बोट घोटाला, सहकारिता भर्ती घोटाला, मदरसों में फर्जीवाड़ा जैसी जांचों में इनकी तेज कार्रवाई नजीर बनी। लेकिन सीएम की नाराजगी के बाद उन्हें पद से हटाया गया था। आरपी सिंह का फरवरी 2023 में रिटायरमेंट है।
गोपाल लाल मीणा
दूसरा नाम इसी बैच के गोपाल लाल मीणा का है। वर्तमान में यह डीजी सीबीसीआईडी के पद पर तैनात हैं और जनवरी 2023 में इनका रिटायरमेंट है, लेकिन इनको भी सीएम की नाराजगी के बाद डीजी होमगार्ड के पद से हटाया गया था। इनके कार्यकाल में होमगार्ड में ड्यूटी के नाम पर फर्जीवाड़ा घोटाला सामने आया था। इसके बाद इन्हें हटाया गया था। इसलिए इनकी दावेदारी को लेकर भी संशय बना हुआ है।
आरके विश्वकर्मा
तीसरे पायदान पर डीजी भर्ती बोर्ड आरके विश्वकर्मा का नाम है। वर्ष 1988 बैच के आरके विश्वकर्मा का मई 2023 में रिटायरमेंट है। तेजतर्रार और टेकसेवी अफसरों में इनकी गिनती की जाती है। 112 यूपी प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने में इनकी भी अहम भूमिका रही है।
डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान
दावेदारों में चौथे नंबर पर इसी बैच के अफसर डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान हैं। वर्तमान में डीजी इंटेलिजेंस के पद पर तैनात हैं। इनका रिटायरमेंट मार्च 2023 में होना है। यूपी सरकार की केंद्र सरकार से विशेष अनुरोध पर केंद्र ने डीएस चौहान को उनके मूल कैडर में भेजते हुए यूपी भेजा था। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे वरिष्ठ आईपीएस देवेंद्र सिंह चौहान को अभिसूचना (इंटेलिजेंस) जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी।
आनंद कुमार
दावेदारों में आखिरी नंबर पर नाम है डीजी जेल आनंद कुमार का। वर्ष 1988 बैच के आईपीएस आनंद अप्रैल 2024 में रिटायर होंगे। दावेदारों में सबसे ज्यादा समय इनके पास ही है। कई मामलों के लिए बदनाम यूपी की जेलों को सुधारने में बड़े पैमाने पर काम किया है। वर्तमान सरकार में लंबे समय तक एडीजी कानून एवं व्यवस्था के पद पर रहते हुए कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने में इनकी अहम भूमिका रही।