Highlights
- लखनऊ में कैंडल मार्च निकाल रहे 69000 सहायक शिक्षा अभ्यार्थियों पर यूपी पुलिस ने भांजी लाठी
- शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज को लेकर विपक्षी दलों ने योगी सरकार को घेरा
- अभ्यर्थियों की मांग है कि भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए
लखनऊ: यूपी में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कैंडल मार्च निकाल रहे 69000 सहायक शिक्षा अभ्यार्थियों पर शनिवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। परिषदीय विद्यालयों मे नियुक्ति की मांग को लेकर कैंडल मार्च निकाल रहे अभ्यार्थी जैसे ही 1090 चौराहा से मुख्यमंत्री आवास की तरफ बढ़े तो इनको यूपी पुलिस ने लाठी-डंडों से दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इससे कई अभ्यर्थियों को गंभीर चोटें आईं। इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। शिक्षा अभ्यार्थियों पर लाठीचार्ज को लेकर सियासत भी गरमा गई है।
अभ्यर्थियों की मांग है कि भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए। वहीं लाठीचार्ज के दौरान कई अभ्यर्थियों ने रेलिंग से कूदकर मुश्किल से अपनी जान बचाई। 69000 शिक्षक भर्ती मामले पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने शिक्षकों की भर्ती में धांधली का आरोप लगाया गया है। शनिवार को सीएम आवास की ओर कैंडल मार्च निकालते समय अभ्यर्थियों की पुलिस से झड़प हो गई, इसी दौरान पुलिस ने उन्हें लाठियों से जमकर पीट दिया।
इस घटना को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा- 'भाजपा के राज में भावी शिक्षकों पर लाठीचार्ज करके ‘विश्व गुरु’ बनने का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है। हम 69000 शिक्षक भर्ती की माँगों के साथ हैं और युवा कहे आज का नहीं चाहिए भाजपा।'
वहीं इस घटना को लेकर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ट्वीट कर लिखा- पिछड़ों-दलितों की संतानों पर लखनऊ में पुलिस की यह लाठियां क्रूर भाजपा सरकार और घमंडी मुख्यमंत्री के सत्ता में आखिरी कील साबित होगी। 69000 शिक्षक भर्ती में OBC, SC/ST अभ्यर्थियों की हकमारी उत्तर प्रदेश नहीं भूलेगा।
वहीं बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने भी #69000शिक्षकभर्ती के साथ ट्वटी करते हुए लिखा- 'साहब बात तो नौकरी की हुई थी, लाठियां क्यों मार रहे हो। देश के भविष्य इन बच्चों को बूट वाले जूते से मारा जा रहा है, अत्यंत शर्मनाक व निंदनीय है।'