Highlights
- शिकायतों के मद्देनजर लिया गया फैसला
- इस बार विधानसभा में हैं 47 महिला विधायक
- मानसून सत्र 19 से 23 सितंबर तक चलेगा
UP News: महिलाओं के अधिकारों और उन्हें प्राथमिकता की बातें अक्सर हर मंच पर की जाती है। लेकिन वास्तव में क्या हकीकत है यह बताने की जरूरत नहीं है। राजनीति में तो महिओला अधिकारों का नजारा तो लग ही है। भारत में एक महिला के जनप्रतिनिधि होने के बाद भी उसका कामकाज अक्सर कोई पुरुष ही देखता है। ग्राम प्रधान बनने पर महिला का पति, भाई या अन्य कोई पुरुष ही अक्सर प्रधानी का कामकाज देखता मिल जाता है।
शिकायतों के मद्देनजर लिया गया फैसला
उत्तर प्रदेश की विधानसभा में भी कुछ ऐसा ही माहौल रहता है। महिला विधायकों को बोलने और उन्हें अपनी बात रखने का मौका कम ही मिल पता है। इसे लेकर विधान्स्बाहा अध्यक्ष को शिकायत भी की गई। जिसके बाद अब फैसला लिया गया है कि आगामी मानसून सत्र में महिला सदस्यों के लिए एक दिन आरक्षित रहेगा। इस फैसले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि, "महिला विधायकों को सदन में बोलने का उचित अवसर नहीं मिलने की शिकायतों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है।"
इस बार विधानसभा में हैं 47 महिला विधायक
मानसून सत्र के दौरान इस बार एक दिन सिर्फ महिलाओं के नाम होगा। विधानसभा सत्र में इस दिन केवल महिला सदस्यों को बोलने में प्राथमिकता दी जायेगी। महिला उत्थान, सशक्तिकरण, साक्षरता, स्वास्थ्य, लैंगिक समानता जैसे विषयों पर महिला सदस्य अपनी और जनता की बात रखेंगी। इसमें दिन भर और कोई विधायी कार्य नहीं होगा। केवल दिन भर इसी मुद्दे पर महिला सदस्य चर्चा करेंगी। विधानसभा का मानसून सत्र 19 सितंबर से शुरू होना है। बता दें कि विधानसभा चुनाव 2022 में 47 महिला विधायक जीत कर आईं हैं। इस बीच सत्र की तैयारियों के लिए 18 सितंबर को कार्यमंत्रणा समिति, सर्वदलीय बैठक व सुरक्षा संबंधी बैठकें होंगी।
मानसून सत्र में हंगामा होना तय
यूपी विधानमंडल का मानसून सत्र 19 से 23 सितंबर तक चलेगा। इस बार का मानसून सत्र तो छोटा ही रहेगा पर हंगामा होने के आसार हैं। भाजपा व विपक्ष के बीच बढ़ रही तल्खी का असर सदन में दिखना तय है। मानसून सत्र के पहले दिन 19 सितंबर को निधन के निर्देश के तहत दिवंगत विधायक अरविंद गिरी को श्रद्धांजलि देते हुए शोक रखा जाएगा। इसके बाद 20 सितंबर को औपचारिक कार्य के साथ अध्यादेशों, अधिसूचनाओं और नियमों को सदन के पटल पर रखा जाएगा। 21 से 23 सितंबर तक विधायी कार्य के साथ अन्य विषयों पर चर्चा होगी।