Highlights
- 500 दुकानदारों का कारोबार हो सकता है ठप
- SC के इस फैसले से प्रभावित हो सकते दुकानदार
- हमने व्यवसायों के सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू की: एडीए के उपाध्यक्ष
UP News: ताजमहल के 500 मीटर के दायरे के भीतर सभी तरह की व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद क्षेत्र के दुकान मालिक अपने कारोबार के भविष्य को लेकर संशय की स्थिति में हैं। क्षेत्र में मौजूद करीब 500 रेस्तरां, एंपोरियम, किफायती होटल, कैफे और अन्य कारोबारी संस्थान SC के इस फैसले से प्रभावित हो सकते हैं। दरअसल SC ने सोमवार को आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) को ताजमहल के 500 मीटर के दायरे के भीतर व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।
हमने व्यवसायों के सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू की: एडीए
एडीए के उपाध्यक्ष, चरचित गौर ने कहा, ‘‘हमने व्यवसायों के सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी है और सर्वेक्षण पूरा होने के बाद हम व्यवसायों की पहचान करेंगे और उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार कार्य करेंगे।’’ शीर्ष अदालत का यह आदेश उन 71 दुकानदारों के आवेदन के जवाब में आया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें वर्ष 1993 में पश्चिमी गेट के पास से हटा दिया गया था, जबकि अन्य व्यावसायिक गतिविधियां जारी रहीं।
बुधवार को स्थानीय लोगों और कारोबारियों ने आगे की योजना को लेकर बैठक की। दक्षिणी गेट के पास रहने वाले हाजी ताहिर उद्दीन ताहिर ने बताया कि शीर्ष अदालत के आदेश से लगभग 40,000 से 50,000 लोग प्रभावित होंगे क्योंकि ताजगंज इलाके की दुकानों, कारखानों और होटलों के कर्मचारी अपनी नौकरी खो देंगे। उन्होंने कहा कि हम उपलब्ध कानूनी विकल्पों की तलाश करेंगे और इन लोगों के लिए एकजुट होकर लड़ेंगे।
दुकानदारों के आगे रोजगार संकट
ताहिर ने कहा कि ये दुकानें कई दशकों से चल रही हैं और ताजमहल के समय में स्थापित की गई हैं। ताजमहल के पास अपनी दुकान चलाने वाले एक दुकानदार ने कहा कि हम जैसे-तैसे कोविड-19 महामारी के प्रभावों से उबर पाए और अपने व्यवसाय को चलाने की कोशिश करने लगे।
दुकानदार ने कहा, ‘‘अब सोमवार से ही समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें। मेरी दुकान में सात कर्मचारी हैं और हम सभी बेरोजगार हो जाएंगे क्योंकि हमारे पास अपना घर चलाने के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं होगा।’’ एक दुकानदार सुनील श्रीवास्तव, जिनकी दुकान ताजमहल के पूर्वी द्वार पर स्थित है, ने कहा कि इस आदेश से लगभग 40,000 से 50,000 लोगों की आजीविका प्रभावित होगी जो इन व्यावसायिक गतिविधियों पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वे बेरोजगार हो जाएंगे और उनके पास अपना घर चलाने का कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा।’’