Highlights
- सीएम योगी के पांच कालीदास मार्ग स्थित आवास पर हुई थी दोनों की मुलाकात
- राम गोपाल यादव समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा हैं
- सीएम ने मेरी बात धैर्यपूर्वक सुनी, मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दों को गंभीरता से लिया- राम गोपाल
UP Politics: सपा महासचिव रामगोपाल यादव की मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुलाकात पर शिवपाल सिंह यादव ने सवाल उठाए हैं। शिवपाल यादव ने राम गोपाल यादव की चिट्ठी सार्वजनिक करते हुए ट्वीट पर लिखा- न्याय की यह लड़ाई अधूरी क्यों हैं? आजम खान साहब, नाहिद हसन, शहजिल इस्लाम और अन्य कार्यकर्ताओं के लिए ये लड़ाई क्यों नहीं है? जानकारी के मुताबिक रामगोपाल यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ को यही चिट्ठी लिखी थी जिसे शिवपाल यादव ने ट्वीट किया है। इस चिट्ठी में कहीं भी आजम खान, नाहिद हसन, शहजिल इमाम का नाम नहीं है जिसको लेकर शिवपाल यादव ने ट्वीट किया है।
अखिलेश के चाचा हैं राम गोपाल यादव
गौरतलब है कि महासचिव राम गोपाल यादव ने सोमवार को एक आश्चर्यजनक राजनीतिक घटनाक्रम के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। सीएम योगी के पांच कालीदास मार्ग स्थित आवास पर उनके बीच यह मुलाकात हुई। राज्यसभा सदस्य राम गोपाल यादव (76) समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा हैं और दोनों के बीच मधुर संबंध हैं। बाद में समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ''आज समाजवादी पार्टी के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से लखनऊ में मुलाक़ात की। प्रदेशभर में पिछड़ों और मुसलमानों पर एकतरफा फर्जी मुकदमे दर्ज कर उनके उत्पीड़न के संदर्भ में की बात। फर्जी मुकदमों को वापस ले सरकार।''
सीएम से मुलाकात के बाद राम गोपाल यादव का बयान
इस मुलाकात के बाद राम गोपाल यादव ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी से मिलकर सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं और खास तौर पर मुस्लिम समुदाय के लोगों पर किए जा रहे आधारहीन पुलिस मुकदमों की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया। राम गोपाल यादव ने कहा कि पिछड़ों और मुसलमानों को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ''मुख्यमंत्री ने मेरी बात धैर्यपूर्वक सुनी और मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दों को गंभीरता से लिया और आश्वासन दिया कि किसी भी निर्दोष को परेशान नहीं किया जाएगा।'' उन्होंने कहा कि वह पार्टी के नेता हैं और अगर उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को परेशान किया जा रहा है तो मुख्यमंत्री के सामने इस मुद्दे को उठाना उनका कर्तव्य है जो उन्होंने किया है।