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UP news: कोर्ट में बेटियों ने मां के हत्यारे पिता को उम्रकैद की सजा के लिए पैरवी की, अदालत ने सुनाया ये फैसला

UP news: दो बेटियों ने अपनी मां को न्याय दिलाने के लिए कोर्ट में अपने ही पिता के खिलाफ 6 साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और कोर्ट से पिता को उम्रकैद देने की पैरवी की। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए दोषी पिता को उम्रकैद की सजा और 20000 रुपए का जुर्माना लगाया।

Edited By: Pankaj Yadav
Published on: July 29, 2022 18:27 IST
Court Pronounced The Decision- India TV Hindi
Court Pronounced The Decision

Highlights

  • बेटे की चाहत में पत्नी को जलाया था जिंदा
  • बेटियों ने अपनी मां को जिंदा जलते हुए देखा था
  • पिता को उम्रकैद की सजा मिले इसकी पैरवी कोर्ट से की थी

UP news: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में अपनी पत्नी को जिंदा जलाकर मारने के आरोपी व्यक्ति का दोष सिद्ध होने पर यहां की एक अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है। अधिवक्ता संजय शर्मा ने बताया कि अदालत ने बेटियों की पैरवी के बाद दोषी पिता की सजा का ऐलान किया। शर्मा के मुताबिक, नगर इलाके के कोठियात मोहल्ले के रहने वाले मनोज ने बेटा न होने पर अपनी पत्नी अनु को जिंदा जलाकर उसकी हत्या कर दी थी। उन्होंने बताया कि अनु की बेटियों-लतिका और तान्या ने अपनी मां को जिंदा जलते हुए देखा था। दोनों ने अनु को इंसाफ दिलाने के लिए छह साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। बुधवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अनु की हत्या के मामले में उसके पति को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने उस पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। 

बेटा न होने की वजह से मिट्टी का तेल छिड़ककर जिंदा जलाया

शर्मा के अनुसार, मनोज की शादी साल 2000 में नगर इलाके की ही रहने वाली अनु के साथ हुई थी। शादी के एक साल बाद अनु ने बेटी लतिका को जन्म दिया। कुछ वर्ष बाद उसकी दूसरी बेटी तान्या पैदा हुई। लगातार दो बेटियां होने के बाद अनु के पति और ससुरालवाले उससे नाराज रहने लगे। शर्मा ने बताया कि लतिका और तान्या ने आरोप लगाया था कि बेटा न होने की वजह से उनके पिता मनोज ने 14 जून 2016 को उनकी आंखों के सामने उनकी मां को मिट्टी का तेल छिड़ककर जला दिया और वहां से फरार हो गया। शर्मा के मुताबिक, अनु को गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 20 जून को उसने दम तोड़ दिया था। जिस समय यह घटना हुई थी, उस समय लतिका 15 और तान्या 11 वर्ष की थी। 

बेटियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री को खून से चिट्ठी लिखकर न्याय की गुहार लगाई थी

शर्मा ने बताया कि मनोज के खिलाफ कोतवाली नगर में हत्या की धारा में रिपोर्ट दर्ज की गई थी, जिसके बाद लतिका ने अपनों से मिल रही धमकियों के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को खून से चिट्ठी लिखकर न्याय और आर्थिक सहायता की गुहार लगाई थी। शर्मा ने बताया कि अखिलेश ने मामले को संज्ञान में लेते हुए लतिका और तान्या के साथ-साथ उनके मामा व नानी से मुलाकात की तथा दोषियों को सजा दिलाने का आश्वासन दिया। बुधवार को मामले में फैसला सुनाते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अनु के हत्यारे मनोज को दोषी करार देते हुए उसके लिए उम्रकैद और 20,000 रुपये जुर्माने की सजा मुकर्रर की। 

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