Highlights
- सोसायटी को अपने नियंत्रण में ले लेगी NDRF
- सुपरटेक और एटीएस सोसायटी पूरी तरह से खाली कराई जाएंगी
- बिल्डिंग के कॉलम और बीम में वी शेप में छेद किया जाएगा और फिर उसके अंदर विस्फोटक भरे जाएंगे
UP News: उत्तर प्रदेश के नॉएडा में सेकत 93 ए स्थित बहुचर्चित बिल्डिंग सुपरटेक के ट्विन टावरों में आज से विस्फोटक लग्न शुरू हो जाएंगे। विस्फोटक लगाने की प्रक्रिया के दौरान यहां भारी सुरक्षा तैनात रहेगी। विस्फोटक लगाने वाले कर्मचारियों के अलावा और किसी को भी बिल्डिंग के एरिया में जाने की अनुमति नहीं होगी। इन दोनों टावर (एपेक्स और सियान) को आगामी 21 अगस्त को ढहाया जाना है।
इस बाबत नोएडा प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों टावर को गिराने के दिन सुपरटेक और एटीएस सोसायटी पूरी तरह से खाली कराई जाएंगी। इसके बाद बिल्डिंग के कॉलम और बीम में वी शेप में छेद किया जाएगा और फिर उसके अंदर विस्फोटक भरे जाएंगे। इस दौरान पूरी सावधानी बरती जायेगी।
सोसायटी को अपने नियंत्रण में ले लेगी NDRF
टावर गिराए जाने के दिन सुबह आठ बजे के बाद सोसायटी में पुलिस एवं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का नियंत्रण हो जाएगा। इसके लिए सोसायटी के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन RWA को वहां रहने वाले निवासियों का सहयोग करने कल कहा गया है।
अधिकारियों के अनुसार, सुपरटेक के दोनों टावर को 21 अगस्त को दोपहर ढाई बजे ढहा दिया जायेगा। इमारतों में बारूद लगाने का काम 2 अगस्त से शुरू होगा। इस दौरान एडफिस इंजीनियरिंग के कर्मचारियों को छोड़कर दोनों टावर के परिसर में किसी और व्यक्ति का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। यह जानकारी नोएडा प्राधिकरण ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सौंपी स्थिति रिपोर्ट में दी है।
सुप्रीम कोर्ट में PIL खारिज, NGO पर लगा 5 लाख का जुर्माना
वहीं इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक NGO की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें नोएडा में कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए सुपरटेक लिमिटेड के 40 मंजिला दो टावर को गिराने की जगह वैकल्पिक समाधान का निर्देश देने का आग्रह किया गया था। इसके साथ ही जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने एनजीओ ‘सेंटर फॉर लॉ एंड गुड गवर्नेंस’ पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और निर्देश दिया कि इस राशि को रजिस्ट्री में जमा किया जाए, ताकि कोविड से प्रभावित रहे वकीलों के परिजनों के लाभ के लिए इसका उपयोग किया जा सके।