UP News: गोरखपुर नगर निगम ने परिसीमन का मसौदा आदेश जारी कर मुस्लिम नाम वाले करीब एक दर्जन वार्डो के नाम बदल दिए हैं। सरकार के इस कदम पर समाजवादी पार्टी (SP) और कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, नाम बदलना परिसीमन अभ्यास का हिस्सा था, जिसके तहत गोरखपुर में वार्डो की संख्या 80 हो गई, जिनमें से कई नाम प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों और स्वतंत्रता सेनानियों पर हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लोग एक सप्ताह के भीतर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं और उनके निस्तारण के बाद परिसीमन को मंजूरी दी जाएगी। समाजवादी पार्टी के नेता और इस्माइलपुर के नगरसेवक शहाब अंसारी ने आरोप लगाया कि नाम बदलना ध्रुवीकरण का एक प्रयास है। अंसारी ने कहा कि पार्टी इस संबंध में एक बैठक करेगी और एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को जिला मजिस्ट्रेट से मुलाकात कर आपत्ति जताएगी।
'सरकार इस अभ्यास से क्या हासिल करेगी?'
कांग्रेस नेता तलत अजीज ने नाम बदलने की कवायद को पैसे की बबार्दी करार दिया। नेता ने पूछा, मैं यह समझने में विफल हूं कि सरकार इस अभ्यास से क्या हासिल करेगी। हालांकि, मेयर सीताराम जायसवाल ने कहा कि नए नाम गर्व की भावना पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि वार्डो का नाम अशफाकउल्लाह खान, शिव सिंह छेत्री, बाबा गंभीर नाथ, बाबा राघवदास, डॉ राजेंद्र प्रसाद और मदन मोहन मालवीय जैसी हस्तियों के नाम पर रखा गया है।
इलाही बाग का नया नाम अब बंधु सिंह नगर
नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि आपत्ति एक सप्ताह के भीतर अपर मुख्य सचिव, शहरी विकास विभाग, लखनऊ को भेजी जा सकती है। उन्होंने कहा कि आपत्तियों के निस्तारण के बाद परिसीमन को मंजूरी दी जाएगी। जिन नामों में बदलाव किया गया है उनमें मिया बाजार, मुफ्तीपुर, अलीनगर, तुर्कमानपुर, इस्माइलपुर, रसोलपुर, हुमायूंपुर उत्तर, घोसीपुरवा, दाउदपुर, जाफरा बाजार, काजीपुर खुर्द और चक्सा हुसैन शामिल हैं। नगर निकाय की ओर से जारी आदेश के अनुसार, इलाही बाग को अब बंधु सिंह नगर, इस्माइलपुर को साहबगंज और जाफरा बाजार को आत्मा राम नगर के नाम से जाना जाएगा। बता दें कि गोरखपुर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृहनगर है।