Highlights
- आकाश आनंद ने ट्वीट कर बिना नाम लिए किया था इंकार
- समाजवादी पार्टी के गठबंधन से बहार हुई है राजभर की पार्टी सुभासपा
- योगी सरकार के प्रथम कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं राजभर
UP News: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय सरकार और बीजेपी से ज्यादा विपक्षी दल चर्चा में हैं। विधानसभा चुनावों से पहले बना समाजवादी पार्टी का गठबंधन लगभग बिखर चुका है। जयंत सिंह के आलावा और सभी सहयोगी अखिलेश यादव से अलग हो चुके हैं। अभी हाल ही में एक पत्र जारी करते हुए समाजवादी पार्टी ने सुभासपा से भी अपने रिश्ते तोड़ लिए। जिसके बाद ओम प्रकाश राजभर ने भी 'तलाक' कुबूल कर लिया। तलाक कुबूल करने के बाद चर्चा थी कि वे अब मायावती की पार्टी बसपा से गठबंधन करेंगे। लेकिन अब सुभासपा इससे इंकार कर रही है।
हमने गठबंधन को लेकर कोई चर्चा ही नहीं की
वहीं बसपा की तरफ से गठबंधन के लिए साफ़ इंकार करने के बाद सुभासपा नेताओं के सुर अचानक से बदल गए हैं। ओपी राजभर के बेटे और सुभासपा नेता अरुण राजभर ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी ने ना तो बसपा से कोई संपर्क किया है और ना ही गठबंधन के बारे में कोई बातचीत हुई है। हमने सिर्फ अपनी प्राथमिकताओं के बारे में बात की है। हम ना तो बसपा के पास गए हैं और ना ही उसके नेतृत्व से कोई बात की है। उन्होंने कहा कि सियासत में सब कुछ अनिश्चित है और राजनीतिक समीकरण बदलते रहते हैं तथा उन्हीं के मुताबिक फैसला लिया जाता है।
गठबंधन की चर्चा के बाद मायावती के भतीजे और बसपा राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद ने कहा था कि ऐसे 'स्वार्थी' लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। गौरतलब है कि हाल ही में ओपी राजभर ने अगला चुनाव बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर लड़ने की इच्छा जताई थी। जिसके बाद आकाश आनंद ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कुछ अवसरवादी लोग मायावती के सहारे अपनी राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं।
मायावती के सहारे राजनीति चलाने की कोशिश - आकाश आनंद
बीएसपी सुप्रीम मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने ट्वीट कर कहा कि, "बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शासन, प्रशासन, अनुशासन की पूरी दुनिया तारीफ करती है। लेकिन कुछ अवसरवादी लोग भी उनके नाम के सहारे अपनी राजनीतिक दुकान चलाने की कोशिश करते हैं। ऐसे स्वार्थी लोगों से सावधान रहने की जरूरत है।"