Highlights
- श्रीकृष्ण जन्मभूमि एवं शाही ईदगाह को लेकर अनेक कार्यक्रमों की घोषणा करने की झड़ी से लग गई
- जिला प्रशासन ने जिले में 24 नवंबर से 21 जनवरी तक ऐसे किसी भी कार्यक्रम के आयोजन पर रोक लगा दी है
- "जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा में पैदा हुए तो उनका मंदिर भी यहीं बनना चाहिए"
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री चौ. लक्ष्मी नारायण एक बार फिर अपने बयान के चलते चर्चा में हैं। लक्ष्मी नारायण ने सवाल किया है कि भगवान कृष्ण का मंदिर मथुरा में नहीं, तो क्या पाकिस्तान के लाहौर में बनेगा। उन्होंने यह बयान कुछ दिन पहले राज्य के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व एक अन्य मंत्री द्वारा मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर स्थित मुगलकालीन शाही ईदगाह के स्थान पर (जिसे भगवान कृष्ण का मूल जन्मस्थान माना जाता है) बनाने जैसे बयानों के संदर्भ में संवाददाताओं द्वारा पूछे गए प्रश्न पर दिया ।
गौरतलब है कि नवंबर में अखिल भारत हिन्दू महासभा की अध्यक्ष राज्यश्री चौधुरी ने महासभा की योजना का खुलासा करते हुए संवाददाताओं से कहा था कि उनके संगठन के पदाधिकारी, सदस्य एवं आम हिन्दू मतावलंबी जन आगामी छह दिसंबर को श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर स्थित शाही ईदगाह में भगवान लड्डूगोपाल का जलाभिषेक करेंगे।
उनके इस बयान के बाद तो जैसे अनेक संगठनों, संस्थाओं आदि की ओर से श्रीकृष्ण जन्मभूमि एवं शाही ईदगाह को लेकर अनेक कार्यक्रमों की घोषणा करने की झड़ी से लग गई, लेकिन जिला प्रशासन ने जिले में विभिन्न कारणों को लेकर 24 नवंबर से 21 जनवरी तक निषेधाज्ञा लागू कर ऐसे किसी भी कार्यक्रम के आयोजन पर रोक लगा दिया।
इस बीच सोशल मीडिया के माध्यम से आए उप मुख्यमंत्री के बयान के बाद छाता विधानसभा क्षेत्र से विधायक दुग्ध विकास, पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री चौ.लक्ष्मी नारायण ने उक्त बयान दिया। उन्होंने कहा, वर्तमान में जिस स्थान पर शाही ईदगाह है, वहां पहले कभी कंस का कारागार हुआ करता था और उसी कारागार में बंद माता देवकी एवं वसुदेव की आठवीं संतान भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, उनका मंदिर वहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने सवाल किया, ‘‘भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर मथुरा में नहीं तो क्या लाहौर में बनेगा।’’ उन्होंने कहा कि जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा में पैदा हुए तो उनका मंदिर भी यहीं बनना चाहिए।