उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में बलात्कार की एक घटना का 27 साल बाद मुकदमा दर्ज किया गया है। घटना के समय पीड़िता 12 साल की थी। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस द्वारा भेजे गए डीएनए नमूने की मंगलवार को आयी रिपोर्ट में आरोपी की पहचान हो गई है और उसकी गिरफ्तारी के लिए टीम बना दी गयी है।
पुलिस अधीक्षक (नगर) संजय कुमार ने बुधवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि थाना सदर बाजार के एक क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता की घटना के समय उम्र 12 साल थी और मोहल्ले के ही आरोपी हसन तथा उसके छोटे भाई गुड्डू ने किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था।
पीड़िता का आरोप है कि दोनों आरोपियों ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया था। उन्होंने बताया, “दुष्कर्म के बाद 13 साल की उम्र में पीड़िता गर्भवती हो गई और 1994 में उसने एक बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे को शाहाबाद क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले एक व्यक्ति को दे दिया था और पीड़िता अपने बहनोई के साथ रामपुर चली गई।”
पति ने दे दिया था तलाक-
कुमार ने बताया कि पीड़िता के बहनोई ने उसकी शादी गाजीपुर निवासी एक व्यक्ति से करा दी, मगर 10 वर्ष बाद जब उसके पति को दुष्कर्म की घटना का पता चला तो उसने अपनी पत्नी (पीड़िता) को तलाक दे दिया जिसके बाद पीड़िता अपने गांव उधमपुर में आकर रहने लगी।
उन्होंने बताया कि पीड़िता के बेटे ने करीब 27 साल बाद अपने माता-पिता के बारे में जानना चाहा तो पालन पोषण करने वाले व्यक्ति ने उसे उसकी मां का नाम बता दिया जिसके बाद बेटे ने अपनी मां से मुलाकात की।
कुमार के मुताबिक, महिला ने उसे पूरी बात बतायी और उसके बाद महिला ने शिकायत दी और अदालत के आदेश पर सदर बाजार थाने में दो आरोपियों के विरुद्ध सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज किया गया और आरोपियों तथा महिला एवं उसके बेटे का डीएनए परीक्षण कराया गया।
उन्होंने बताया कि मंगलवार को रिपोर्ट में आरोपी गुड्डू का डीएनए पीड़िता के बेटे से मिल गया। उन्होंने बताया कि घटना के 27 वर्ष बाद अदालत के आदेश पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है और मामले में साक्ष्य तथा गवाह नहीं थे, इसलिए डीएनए परीक्षण कराना आवश्यक हो गया था। कुमार ने बताया कि फिलहाल पुलिस ने आरोपी गुड्डू की गिरफ्तारी के लिए एक टीम का गठन किया है और उसकी तलाश की जा रही है।