Highlights
- पूर्व नौकरशाहों ने प्रधान न्यायाधीश एन वी रमणा को लिखा पत्र
- बुलडोजर न्याय का विचार प्रदेशों में अपवाद के बजाय नियम बन रहा है
- सुप्रीम कोर्ट से पत्र में तुरंत हस्तक्षेप का किया आग्रह
UP Bulldozer: बीजेपी से निकाले जा चुके दो नेताओं द्वारा पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ की गई कथित विवादित टिप्पणी के खिलाफ देश में कई विरोध प्रदर्शन हुए। इसके बाद यूपी में कथित अवैध गिरफ्तारी, घरों पर बुलडोजर चलाने और पुलिस की हिंसा को लेकर पूर्व नौकरशाहों के समूह ने प्रधान न्यायाधीश एन वी रमणा को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि सबसे अधिक चिंताजनक बात यह है कि कानूनी रूप से विरोध करना या सरकार की आलोचना करना और असंतोष व्यक्त करने की हिम्मत करने वाले नागरिकों बुल्डोजर दंडव दिया जा रहा है। उनको क्रूर दंड देने के बुलडोजर न्याय का विचार अब देश के कई प्रदेशों में अपवाद के बजाय नियम बन रहा है।
किस-किस ने किए पत्र पर हस्ताक्षर?
पत्र में कहा गया है कि दंड न मिलने की भावना और बहुसंख्यक सत्ता का अहंकार है जो संवैधानिक मूल्यों और सिद्धांतों की अवहेलना को बढ़ा रहा है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में पूर्व केंद्रीय गृह सचिव जी के पिल्लई, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह, पूर्व आईपीएस अधिकारी जूलियो रिबेरो, अविनाश मोहनाने, मैक्सवेल परेरा और ए के सामंत और पूर्व सामाजिक न्याय सचिव अनीता अग्निहोत्री शामिल हैं।
किस याचिका का कियी पूरी तरह समर्थन?
पत्र में कहा है उस याचिका का वे लोग ‘‘पूरी तरह से समर्थन’’ करते हैं, जिसमें हाल के कामों का खुद संज्ञान लेने का आग्रह किया गया था। ये याचिका सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के कुछ चुनिंदा पूर्व जजों और प्रमुख वकीलों द्वारा 14 जून 2022 को मुख्य न्यायाधीश को भेजी गई थी। इसमें कहा गया है कि भाजपा के दो पूर्व प्रवक्ताओं द्वारा की गई कुछ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के विरोध में यूपी में लोगों को कथित रूप से अवैध तरीके से हिरासत में रखे जाने की खबर आई है। इसमें उनके घरों पर बुलडोजर चलाने और पुलिस हिंसा का मामला सामने आया है । पत्र में उन लोगों ने तुरंत हस्तक्षेप की आग्रह भी किया है।