प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी अपनी जड़ें मजबूत करना चाह रही है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह चुनाव सभी राजनीतिक दलों के लिए लिटमस टेस्ट की तरह हैं। सभी दल इन चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के साथ आगामी आम चुनावों के लिए अपनी लहर का होने का दावा पेश करेंगे। वैसे तो कहा जाता है कि बीजेपी हर चुनाव पूरी ताकत से लड़ती है, लेकिन निकाय चुनाव के लिए पार्टी अलग तरह की रणनीति के साथ उतारेगी। इसी क्रम में आज रविवार 22 जनवरी को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होने वाली है। उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति 22 जनवरी को लखनऊ के इन्दिरागांधी प्रतिष्ठान में होगी। इसमें 700 पदाधिकारी बैठक में हिस्सा लेंगे।
बैठक लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होगी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने शनिवार को कहा भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक कल लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होगी। इस बैठक में सात सौ लोग मौजूद रहेंगे। बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कार्यसमिति का उदघाटन सत्र संबोधित करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि पन्ना प्रमुख और उससे भी आगे बढ़ते हुए पन्ना समिति बनी जिसके काम के आधार पर बड़ी सफलता गुजरात में मिली। समाज के सभी वर्गों तक पहुँचने में भाजपा सफल हुई है। अब तक किए काम का ब्यौरा रखा जाएगा और आगे की रणनीति तय होगी।
बैठक में पार्टी के कार्यकर्ताओं के आगे के प्रस्ताव और नीतियों के बारे में बताया जाएगा
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी की आगामी योजना, विधानसभा चुनाव और जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया। चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और सरकार की चलाई जा रही योजनाओं के माध्यम से पार्टी आगामी कार्यक्रमों की रणनीति तैयार कर रही है। प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के कार्यकर्ताओं के आगे के प्रस्ताव और नीतियों के साथ-साथ ऐसे संकल्पों को लेकर कार्य किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नौ राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव में जीत के प्रति पार्टी आश्वस्त है। गुजरात चुनाव में पन्ना समिति बनाई गई उससे सफलता मिली। कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के अमृतकाल को कर्तव्य काल मे परिवर्तित करें। उन्होंने कहा कि भाजपा को मिशन के रूप में काम करना है। 18 से 25 साल के युवाओं को जोड़ना है। उन्हें राजनीतिक इतिहास से अवगत कराना है। उनके बीच जागरूकता, लोकतांत्रिक मूल्यों को जानने का अभियान चलाया जाएगा।