Highlights
- 19 अक्तूबर को मनाया जाएगा विजय दिवस
- 28 अगस्त को तोड़े गए थे टावर
- करीब 80 हजार टन मलबा हटाने में लगेंगे तीन महीने
Twin Tower: नोएडा के बहुचर्चित ट्विन टावर को ध्वस्त किये हुए लगभग एक महीना बीत गया है। जिसके बाद अब एक लेजर और लाइट शो के जरिए टि्वन टावर के निर्माण से लेकर ध्वस्तीकरण तक की पूरी कहानी बताई जाएगी। इसका आयोजन नोएडा के सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट में होगा। बता दें कि, 28 अगस्त को नोएडा के सेक्टर-93A ट्विन टावर को हजारों किलो विस्फोट की मदद से ढहा दिया गया था। जिसके बाद अब इसके मलबे को ठिकाने लगाया जा रहा है।
19 अक्तूबर को मनाया जाएगा विजय दिवस
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आगामी 19 अक्टूबर को सोसाइटी के लोग विजय दिवस मनाएंगे। इसकी तैयारी की जा रही है। सोसाइटी की आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष उदयभान सिंह तेवतिया ने कहा कि कार्यक्रम में जहां लेजर लाइट शो के माध्यम से ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण, उनके निर्माण और संघर्ष की गाथा को बताया जाएगा। इसमें बताया जाएगा कि कैसे सोसाइटी ने पूरे देश में एक नया इतिहास रचा है और यह पहली बार हुआ जब देश में इतने बड़े टावरों को इतनी बड़ी कार्ययोजना के साथ ध्वस्त किया गया। इसके लिए काम करने वाले अधिकारियों और अन्य लोगों को भी इस विजय दिवस के कार्यक्रम में सम्मानित भी किया जाएगा।
28 अगस्त को तोड़े गए थे टावर
28 अगस्त को सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के परिसर में बने टि्वन टावरों को 3500 किलो विस्फोटक लगाकर ध्वस्त कर दिया गया था। इसे गलत नियमों के तहत बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जेट डिमोलिशसन और एडिफाइस इंजीनियरिंग ने इस इमारत को ध्वस्त किया। इसे करीब 80 हजार टन मलबा निकला। जिसका निस्तारण किया जा रहा है। माना जा रहा है कि मलबे को रिसाइकिल कर इसे निर्माण सामग्री में बदलने का प्लान है।
करीब 80 हजार टन मलबा हटाने में लगेंगे तीन महीने
गौरतलब है कि ट्विन टावर में 40 मंजिलें और 21 दुकानों समेत 915 आवासीय अपार्टमेंट प्रस्तावित थे। इन ढांचों को ध्वस्त किये जाने से पहले इनके पास स्थित दो सोसाइटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के करीब 5,000 लोगों को वहां से हटा दिया गया। इसके अलावा, करीब 3,000 वाहनों और बिल्ली-कुत्तों समेत 150-200 पालतू जानवरों को भी हटाया गया। अनुमान के मुताबिक, ट्विन टावर को गिराने के बाद इससे उत्पन्न हुए 55 से 80 हजार टन मलबा हटाने में करीब तीन महीने का समय लगेगा। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त 2021 में ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया था। न्यायालय ने कहा था कि जिले के अधिकारियों की सांठगांठ के साथ भवन नियमों का उल्लंघन किया गया।