Highlights
- अवैध रूप से निर्मित सुपरटेक के ट्विन टावर को गिराया गया
- 100 मीटर ऊंचे टावर को गिराने में लगा मात्र 6 सेकेंड
- पास की एटीएस सोसायटी की 10 मीटर की दीवार टूटी
Twin Tower Demolition: नोएडा का सुपरटेक ट्विन टावर को गिरता पूरे देश के लोगों ने देखा। अब यह इतिहास हो चुका है। 28 अगस्त को दोपहर ठीक 02:31 मीनट पर दोनों टावर को गिरा दिया गया। पहले बताया जा रहा था कि इस 32 मंजिला टावर को गिराने में 9 सेंकेंड का वक्त लगेगा लेकिन 100 मीटर ऊंचे टावर को गिरने में मात्र 6 सेंकेंड का वक्त लगा और पूरा सुपरटेक ट्विन टावर देखते ही देखते जमींदोज हो गया। विस्फोट पहले सियान, फिर एपेक्स में किया गया। ब्लास्ट के दौरान करीब 500 मीटर दूर स्थित JP फ्लाईओवर भी हिल गया। इस पर सारे अफसर और मीडियाकर्मी मौजूद थे, जो कंपन से सहम गए। दोनों टावर के सटी ATS सोसाइटी की बाउंड्रीवाल गिर गई है। एक अन्य दीवार में 10 मीटर लंबी दरार आई है। कुछ मलबा ATS सोसाइटी के सामने सड़क पर आ गया है।
‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक की मदद से गिराया गया टावर
अवैध रूप से निर्मित इन ट्विन टावर को ध्वस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के साल भर बाद यह कार्रवाई की गई। दिल्ली के ऐतिहासिक कुतुब मीनार (73 मीटर) से भी ऊंचे गगनचुंबी ट्विन टावर को ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक की मदद से गिराया गया। नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के भीतर 2009 से ‘एपेक्स’ (32 मंजिल) और ‘सियान’ (29 मंजिल) टावर निर्माणाधीन थे। इमारतों को ध्वस्त करने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया।
ट्विन टावर को गिराने का काम करने वाली कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग के एक अधिकारी ने बताया कि एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के आसपास मौजूद आवासीय इमारतों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। हालांकि बाद में नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि मलबे की चपेट में आने से पास की एटीएस सोसायटी की 10 मीटर की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है।
करीब 80 हजार टन मलबा हटाने में लगेंगे तीन महीने
ट्विन टावर में 40 मंजिलें और 21 दुकानों समेत 915 आवासीय अपार्टमेंट प्रस्तावित थे। इन ढांचों को ध्वस्त किये जाने से पहले इनके पास स्थित दो सोसाइटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के करीब 5,000 लोगों को वहां से हटा दिया गया। इसके अलावा, करीब 3,000 वाहनों और बिल्ली-कुत्तों समेत 150-200 पालतू जानवरों को भी हटाया गया। अनुमान के मुताबिक, ट्विन टावर को गिराने के बाद इससे उत्पन्न हुए 55 से 80 हजार टन मलबा हटाने में करीब तीन महीने का समय लगेगा। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त 2021 में ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया था। न्यायालय ने कहा था कि जिले के अधिकारियों की सांठगांठ के साथ भवन नियमों का उल्लंघन किया गया।