Highlights
- टीएमसी सांसद शांतनु ने की ईडी की कार्रवाई की निंदा
- 'विपक्षी नेताओं को धमकाने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल'
- 'राउत के आवास पर छापा प्रतिशोध की राजनीति को दर्शाता है'
TMC on Sanjay Raut Custody: तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने शिवसेना सांसद संजय राउत पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई को केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी की ओर से 'विपक्ष की आवाज' को दबाने की कोशिश बताया। टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने ईडी की छापेमारी की निंदा करते हुए इसे प्रतिशोध की राजनीति बताया।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, "यह संसद के भीतर और बाहर विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश है। संसद के भीतर आप (बीजेपी नीत केंद्र) सांसद को निलंबित कराते हैं और बाहर, आप विपक्षी नेताओं को धमकाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करते हैं।" सेन ने कहा, "संजय राउत के आवास पर छापा प्रतिशोध की राजनीति को दर्शाता है।"
9 घंटे की पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया
बात दें कि संजय राउत को ED ने 9 घंटे की पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया। पात्रा चॉल घोटाले (Patra Chawl Scam) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में संजय राउत को हिरासत में लिया गया है। ईडी हिरासत में लिए जाने के बाद शिवसेना सांसद ने ट्वीट किया, "आप उस व्यक्ति को नहीं हरा सकते..जो कभी हार नहीं मानता! झुकेंगे नहीं!"
संजय राउत पर किरीट सोमैया का हमला
वहीं, संजय राउत को हिरासत में लिए जाने के बाद सबसे पहले बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने हमला बोला। उन्होंने ट्वीट किया, "संजय पांडे के बाद घोटालेबाज संजय राउत अब ईडी की गिरफ्त में, नवाब मलिक के पड़ोसी बनेंगे संजय राउत, हिसाब तो देना ही पड़ेगा।"
'मर जाऊंगा, लेकिन शिवसेना का साथ नहीं छोडूंगा'
राउत ने सुबह ईडी की कार्रवाई शुरू होने के कुछ ही देर बाद ट्वीट किया था, "मैं दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की सौगंध खाता हूं कि मेरा किसी घोटाले से कोई संबंध नहीं है।" उन्होंने लिखा, "मैं मर जाऊंगा, लेकिन शिवसेना का साथ नहीं छोडूंगा।"
गौरतलब है कि ED ने राउत को हिरासत में लेने से पहले उन्हें दो बार समन भी जारी किया था, लेकिन राउत एक बार भी पेश नहीं हुए। ED के अधिकारी रविवार सुबह करीब 7 बजे शिवसेना नेता संजय राउत के आवास पर पहुंचे। राउत से पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में पूछताछ की। इस दौरान जांच एजेंसी की टीम के साथ सीआरपीएफ के अधिकारी भी रहें। संजय राउत इस मामले में अपना बयान दर्ज करवाने के लिए एक जुलाई को मुंबई में एजेंसी के समक्ष पेश हुए थे। इसके बाद मौजूद संसद सत्र में व्यस्त रहने का हवाला देते हुए पेश नहीं हुए।